नगर क्षेत्र की जलनिकासी में बाधक बना नाले में पटा कूड़ा
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जासं, भदोही : आखिर शहर की जलनिकासी व्यवस्था कैसे सुचारु हो जब इसके लिए निíमत नाले व नालियां कूड़े करकट से पटे हैं। शहर से लेकर बाहरी क्षेत्रों तक लाखों रुपये की लागत पर निíमत नाले निकासी के काम नहीं आ रहे, बल्कि कूड़ा डंपिग नालों में परिवर्तित हो चुके हैं। बानगी के तौर पर चौरी रोड, इंदिरा मिल चौराहा होते हुए अभयनपुर में निकलने वाले नाले को देखा जा सकता है। बारिश के दौरान पालिका प्रशासन ने विकास खंड कार्यालय के पास सफाई कराई थी लेकिन इसके आगे नहीं बढ़े। यही कारण है कि बारिश के दौरान निकासी न होने से शहर के पूर्वी मोहल्ले व वार्ड जलमग्न हो गए थे। बताते चलें कि पालिका क्षेत्र के बाहर वाले नाले की सफाई पिछले कई वर्षों से नहीं हुई है।
शहर में समुचित सीवरेज व्यवस्था का अभाव दशकों से समस्या का कारण बना है।बारिश के दिनों में शहर का 70 फीसद भाग जलमग्न हो जाता है। निचले मोहल्लों में तो त्राहि-त्राहि मच जाती है। बावजूद इसके समस्या के समाधान के लिए पालिका प्रशासन द्वारा प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं। हाल यह है कि नालों व नालियों की साफ सफाई को लेकर उदासीनता बरती जा रही है। शहर स्थित नाले व नालियां आए दिन चोक रहती हैं। निकासी बाधित होने के कारण बिना बरसात ही जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। उधर पालिका परिधि के बाहर के नालों की कोई देखरेख करने वाला नहीं है। भदोही-जौनपुर जनपद सीमा स्थित वरुणा नदी में गिरने वाले नाले को कुछ लोगों ने बाधित कर रखा है जिसकी शिकायत पिछले दिनों स्थानीय नागरिकों ने जिलाधिकारी से की थी। इसी तरह इंदिरा मिल चौराहा, अभयनपुर को जाने वाला नाला पूरी तरह से कूड़े करकट से पाट दिया गया है। ऐसे में जलनिकासी की उम्मीद रखना भी बेकार है। एक दशक पहले नाले का निर्माण कराया गया था तब से अब तक इसकी एक बार भी सफाई नहीं कराई गई। दुकानदारों, रहवासियों द्वारा जमा कूड़ा करकट नाले में फेंका जाता है। ऐसे में जलनिकासी की उम्मीद भी लगाना बेकार है।
-संदीप चौरसिया । नाले की साफ सफाई कर जाली रखवा दिया जाए तो न सिर्फ निकासी सुचारू हो जाएगी बल्कि घटना, दुर्घटना का खतरा भी टल जाएगा। आए दिन खुले नाले में बच्चे व वाहन सवार गिर जाते हैं।
-गोकुल यादव। लबे रोड कूड़ा करकट से पटा नाला निकासी के काम तो नहीं आ रहा है लेकिन इससे वातावरण जरूर प्रभावित हो रहा है। सड़क किनारे रहने वाले व दुकानदार इससे प्रभावित हो रहे हैं लेकिन संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।
-पप्पू यादव। नगर क्षेत्र के बाहर के नालों की साफ सफाई भी पालिका को करानी चाहिए। क्योंकि नाले जब खुले होंगे तो नगर की जलनिकासी बाधित नहीं होगी। यह बात पालिका को समझने की जरूरत है।
-प्रिस गुप्ता।