Move to Jagran APP

गंगा खतरे के निशान से काफी नीचे, ¨चता नहीं

लगातार हो रही बारिश से जहां अन्य प्रदेशों में उफनाई नदियों ने कहर बरपाया हुआ है और जान माल बचाने की जुगत में लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन को मजबूर हो रहे हैं। परंतु जनपदवासियों के लिए अभी तक फिलहाल इस तरह की कोई ¨चता की बात नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Aug 2018 05:40 PM (IST)Updated: Mon, 27 Aug 2018 10:41 PM (IST)
गंगा खतरे के निशान से काफी नीचे, ¨चता नहीं
गंगा खतरे के निशान से काफी नीचे, ¨चता नहीं

जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी (भदोही): लगातार हो रही बारिश से जहां अन्य प्रदेशों में उफनाई नदियों ने कहर बरपाया हुआ है और जान माल बचाने की जुगत में लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन को मजबूर हो रहे हैं। परंतु जनपदवासियों के लिए अभी तक फिलहाल इस तरह की कोई ¨चता की बात नहीं है। हालांकि डीएम सहित अन्य उच्चाधिकारी गंगा किनारे बसे गांवों का नियमित रूप से दौरा करके किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी कर रहे हैं। सीतामढ़ी स्थित केन्द्रीय जल आयोग के री¨डग कार्यालय द्वारा सोमवार को दोपहर के समय की गई री¨डग के अनुसार अभी नदी खतरे के निशान से दस मीटर नीचे बह रही है। जनपद के तीन विकास खण्ड औराई, ज्ञानपुर, डीघ के अंतर्गत लगभग 45 गांव गंगा नदी के किनारे बसे हुए हैं। इनमे से सीतामढ़ी क्षेत्र के गांवों में बाढ़ और कटान का खतरा सर्वाधिक बना रहता है। नदी की धाराओं से तीन तरफ से घिरा कोनिया क्षेत्र सावन और भादो महीने में नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगता है और क्षेत्रिय जनमानस भयभीत हो उठता है। वैसे तो जीवनदायिनी गंगा का किनारा किसानों को बहुत भाता है पर जब बाढ़ की भनक लगती है, तो रातों की नीद उड़ जाती है। कोनिया क्षेत्र के दर्जनों गांव डीघ,इटहरा, कलिक, मवैया, छेछुआ, भोरा, गजाधरपुर, तुलसीकला, धनतुलसी, भभौरी, बहपुरा, कूडी कटान की जद में आते हैं। इस वर्ष सबसे प्रभावित गांव छेछुआ, गजाधरपुर, तुलसीकला हैं। इन गांवों की उपजाऊ जमीन हर वर्ष की भांति इस बार भी गंगा में समाहित हुई है। छेछुआ का एक पुरवा हरिहरपुर पूरी तरह गंगा में विलीन हो गया तथा यहां के लोग जगह- जगह पलायन कर गये हैं। किसानों की उपजाऊ जमीन नदी में समाने से किसान मन मसोस के रह जाते हैं।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.