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फर्जी यूपीआइ आइडी बनाकर दानवीरों को झांसा

कोविड-19 पर साइबर अपराधियों ने गिद्ध ²ष्टि पड़ गई है। पीएम केयर फंड के नाम पर व्यापक स्तर पर धोखाधड़ी करने लगे हैं। मिलती-जुलती अनेकानेक फर्जी यूपीआई आइडी बनाकर दनवीरों को चूना लगा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 06:00 PM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 06:00 PM (IST)
फर्जी यूपीआइ आइडी बनाकर दानवीरों को झांसा
फर्जी यूपीआइ आइडी बनाकर दानवीरों को झांसा

- कोविड-19 पर साइबर अपराधियों की नजर, एडवाइजरी जारी

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- पीएम केयर फंड के नाम पर धोखाधड़ी से सहमा है भदोही

कोविड-19 पर साइबर अपराधियों की गिद्ध दृष्टि पड़ गई है। पीएम केयर फंड के नाम पर व्यापक स्तर पर धोखाधड़ी करने लगे हैं। मिलती-जुलती कई फर्जी यूपीआइ आइडी बनाकर दानवीरों को चूना लगा रहे हैं। एसपी रामबदन सिंह ने साइबर अपराधियों से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है।

साइबर अपराध के नए तरीके

- ईएमआई में छूट देने के नाम पर ठगी

- पीएम केयर फंड के नाम पर धोखाधड़ी

- फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से ठगी

- ई-केवाइसी अपडेट के नाम पर ठगी

- प्रोमोकोड व रिवार्ड प्वाइंट के नाम पर धोखाधड़ी।

- रोजमर्रा के सामानों की ऑनलाइन डिलीवरी, राशन वितरण, बेरोजगारी भत्ता, फर्जी हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से ठगी

- फ्री इंटरनेट, रिचार्ज, ऑनलाइन मूवी चैनल पर पंजीकरण, सरकारी योजनाओं, मेडिकल एक्सपर्ट और वाहन पास के नाम पर धोखाधड़ी।

ऐसे बचें साइबर अपराध से

- कहीं भी किसी भी सरकारी उपक्रम वेबसाइट या फंड में पैसा भेजते समय सरकार की अधिकारिक वेबसाइट से जानकारी कर इस तरह के फ्रॉड से बचा जा सकता है।

- यदि आपके बैंक खाते, ई-वॉलेट में रकम वापस किए जाने का संदेश आए तो अपनी यूपीआई आइडी, पासवर्ड कदापि न डालें, क्यों कि पैसा प्राप्त करते समय इसकी कोई आवश्यकता नहीं होती है।

- किसी भी प्रकार का संदिग्ध कॉल, मैसेज प्राप्त होने पर तत्काल थाने में इसकी सूचना दें।

- वेबसाइट या लिक पर विजिट करने से पहले उस वेबसाइट के सेक्योरिटी फीचर को पढ़े तथा इस बात की पुष्टि कर लें कि वह सिक्योर है या नहीं। उसका लाइसेंस वैध है या नहीं।

- ई-वालेट अपडेट और केवाइसी निकटवर्ती अधिकृत केंद्र पर जाकर कराएं।

- जब आवश्यक हो तभी अपने मोबाइल के जीपीएस व ब्लूटूथ को ऑन रखें।

मार्च 2020 में आए मामले

20 : फेसबुक मैसेंजर हैक करने का

10 : फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी करने

05 : ओटीपी हैक करने का

03 : ठेकेदारी दिलाने का

04 : मामले लिक शेयर करने का।

केस 1 : चककलूटी गांव के ट्रांसपोर्टर कैलाश यादव के फेसबुक को साइबर अपराधियों ने हैक कर मैसेंजर से उनके शुभचितकों को मैसेज कर इलाज कराने को 15 हजार रुपये मांगा गया। कई लोगों ने पैसा बैंक खाता में भेज भी दिया। जानकारी होने पर शिकायत दर्ज कराई लेकिन अभी तक अपराधी पकड़ में नहीं आए। केस 2 : केशवपुर सरपतहां के राहुल शुक्ला के फेसबुक को साइबर अपराधियों ने हैक कर मैसेंजर से उनके मित्रों को मैसेज कर 10 हजार रुपये की मांग की थी। इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई लेकिन अभी तक अपराधी पकड़ में नहीं आए हैं।

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जागरूकता से ही साइबर क्राइम को रोका जा सकता है। समय-समय पर लोगों को जागरूक किया जाता है। फेसबुक हैक करने की शिकायत मिलती है। उसकी रिपोर्ट आने में कई माह लग जाते हैं। साइबर अपराधियों की जड़ों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।

मनोज शुक्ला, प्रभारी, साइबर क्राइम सेल


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