पहले, सरहद की सुरक्षा अब फैला रहे स्वच्छता का संदेश
भारत-पाक युद्ध में दुश्मनों को धूल चटाने वाले सुबेदार श्यामधर तिवारी जब सेवानिवृत्त होकर गांव आए तो लोग प्यार से फौजी बाबा के नाम से पुकारने लगे। सरहद की सुरक्षा करने वाले यह जाबांज सिपाही अब गांव में स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों की सफाई के साथ ही साथ लोगों को स्वच्छ रहने और आसपास स्वच्छ रखने का पाठ पढ़ा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : भारत-पाक युद्ध में दुश्मनों को धूल चटाने वाले सूबेदार श्यामधर तिवारी जब सेवानिवृत्त होकर गांव आए तो लोग प्यार से फौजी बाबा के नाम से पुकारने लगे। सरहद की सुरक्षा करने वाले यह जाबांज सिपाही अब गांव में स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों की सफाई के साथ ही साथ लोगों को स्वच्छ रहने और आस-पास स्वच्छ रखने का पाठ पढ़ा रहे हैं।
गोपीगंज क्षेत्र के जगन्नाथपुर गांव निवासी श्यामधर तिवारी 1965 और 1971 की लड़ाई में दुश्मनों के दांत खट्टा कर चुके हैं। बतौर सूबेदार पद पर तैनात श्यामधर भारत-पाक सीमा पर शून्य डिग्री में मुस्तैद रहकर सरहद की सुरक्षा की है। वर्ष 1992 में सेवानिवृत्त होने के बाद जब वह गांव आए तो लोग उन्हे फौजी बाबा कहने लगे। कुछ दिन तो इधर-उधर के कार्यों में व्यस्त रहे लेकिन बाद में वह समाज सेवा में जुट गए। इन दिनों गांव के लोगों को स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं। उनका कहना है कि स्वच्छ वातावरण ही मानव जीवन को सुविधाजनक और सम्मान से जीने लायक बनाता है। स्वच्छता शरीर को ही स्वस्थ नहीं रखती, सोच को भी बेहतर बनाती है। आस-पास साफ सुथरा माहौल बेहतर बनाती हैं तो सकारात्मक ऊर्जा को भी बढ़ावा मिलता है। इस तरह की ऊर्जा कार्य संस्कृति को बेहतर बनाती है।
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जागरण के मुरीद हैं फौजी बाबू
- जगन्नाथपुर के फौजी बाबू जागरण के मुरीद हैं। उनका कहना है कि स्वच्छता और जागरुकता को लेकर जागरण हर समय अभियान चलाता रहता है। इससे गांव के साथ ही साथ समाज का हर वर्ग जागरुक होता है। इसी के प्रेरित होकर पहले तो खुद के दरवाजे की सफाई किया इसके पश्चात अब जहां भी गंदगी दिखती है तो ऐसा लगता है कि सामने दुश्मन है। कहा कि लोगों को स्वच्छता को लेकर लोगों को खुद आगे आना चाहिए।