Move to Jagran APP

बुनकरों के दम पर बुलंदियों पर पहुंचा कालीन उद्योग

विभूति नारायण राजकीय इंटर कालेज में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि बुनकरों के दम पर कालीन उद्योग भदोही ही नही पूरे ¨हदुस्तान को विश्व पटल पर पहुंचाया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 11:20 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 11:20 PM (IST)
बुनकरों के दम पर बुलंदियों पर पहुंचा कालीन उद्योग
बुनकरों के दम पर बुलंदियों पर पहुंचा कालीन उद्योग

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): विभूति नारायण राजकीय इंटर कालेज में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बुनकरों के दम पर कालीन उद्योग ने भदोही ही नही पूरे ¨हदुस्तान को विश्व पटल पर पहुंचाया है। लघु, मध्यम उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। बुनकरों को अब साहूकारों के पास आभूषण गिरवी नहीं रखनी होगी। मुद्रा लोन के माध्यम से उन्हें 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक लोन मिल रहा है।

loksabha election banner

मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्यमों के इको सिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विज्ञान भवन नई दिल्ली से आनलाइन 59 मिनट्स पोर्टल लांच किए जाने को लेकर विभूति नारायण राजकीय इण्टर कालेज के मैदान में बैंकों की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बुनकर परिवार के छोटे-छोटे हाथों और ऐसी तमाम अपेक्षाओं ने भदोही और ¨हदुस्तान को विश्व पटल पर पहुंचाने का काम किया है। उन परिवारों को अपने अपने घरों में रोशनी का इंतजार हैं। उनके घरों में रोशनी पहुंचाने के लिए इस योजना का शुभारंभ किया जा रहा है। चार साल में एक लाख 36 हजार करोड़ का व्यापार हस्तनिर्मित उद्योग से हुआ है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 से ही अर्थव्यवस्था में क्रांति लाने और भारत नव निर्माण का कार्य किया है। दस साल के पीछे हम जाएं तो पाएंगे कि बुनकर परिवार स्वास्थ्य, शिक्षा और बिटिया की शादी सहित अन्य कार्य के लिए साहूकारों के पास जाते थे। महिला बुनकर अपने आभूषण गिरवी रखते थे तो किसान खेत। इसके एवज में साहूकार ब्याज भी वसूलते थे। अब बुनकरों को साहूकारों के पास नहीं जाना होगा। मुद्रा लोन के माध्यम से उद्योग को पंख लगेंगे। बैंक कर्मियों को भी ताकीद किया कि वह लोन लेने वाले को परेशान न करें। इस योजना की बागडोर उन्हें सौंपी जा रही है। हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट उद्योग में कार्य करने वाले परिवार के बच्चों की पढ़ाई के लिए वस्त्र मंत्रालय द्वारा 75 प्रतिशत फीस जमा किया जाता है। वह इग्नू और राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर सकते हैं। इसके साथ ही कहा कि कालीन उद्योग के लिए वस्त्र मंत्रालय का दरवाजे हर समय खुले हैं। जो भी योगदान चाहिए उसे पूरी तरह अभी से स्वीकृत समझा जा सकता है। इसके पहले भारत सरकार के संयुक्त सचिव कामरान रिजवी, सांसद वीरेंद्र ¨सह आदि ने संबोधित किया। इस मौके पर ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्र, औराई विधायक दीनानाथ भाष्कर, जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद, पुलिस अधीक्षक राजेश एस आदि उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.