माह में 20 दिन खराब रहता है फास्टटैग, करना पड़ता है नकद भुगतान
टोल कर्मियों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की ओर से तैयार किया गया फास्ट टैग सिस्टम फेल होता दिख रहा है। लालानगर स्थित टोल पर लगी फास्टटैग मशीन महीने में 20 दिन तक किसी न किसी कमी के कारण खराब ही रहता है। कभी नेटवर्क की समस्या तो कभी अन्य तकनीकी खामी रहने के कारण चालकों को कैश भुगतान करना पड़ता है।
जासं, लालानगर (भदोही) : टोलकर्मियों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की ओर से तैयार किया गया फास्टटैग सिस्टम फेल होता दिख रहा है। लालानगर स्थित टोल पर लगी फास्टटैग मशीन महीने में 20 दिन किसी न किसी कमी के कारण खराब ही रहती है। कभी नेटवर्क की समस्या तो कभी अन्य तकनीकी खामी के कारण चालकों को नकद भुगतान करना पड़ता है। कभी-कभी तो ऐसा होता है कि नकद भुगतान के बाद फास्टटैग से भी खाते से शुल्क कट जाता है। यही नहीं सरकार की ओर से मिल रही छूट भी नहीं दी जाती है। चालक जब इसका विरोध करते हैं तो टोलकर्मी लिया गया भुगतान भी वापस कर देते हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से टोल प्लाजा पर लग रहे जाम और अन्य समस्याओं को लेकर फास्टटैग सिस्टम लागू किया है। फास्टटैग वाहनों को टोल पर रुकने की कोई जरूरत नहीं है। वह जैसे ही टोल पर प्रवेश करेंगे, उनके मालिक के खाते से टोल टैक्स स्वयं कट जाएगा। अब तक 80 फीसद वाहनों में फास्टटैग का प्रयोग होने लगा है। नेटवर्क और अन्य समस्याओं के चलते आए दिन फास्टटैग मशीन खराब रहती है। मशीन खराब रहने पर चालकों को नकद भुगतान करना पड़ता है। नियमानुसार वाहनों के आरसी पर दर्ज लोड के अलावा सरकार की ओर से पांच फीसद लोडिग की छूट दी जाती है। टोलकर्मी सरकार की ओर से दी गई छूट को नहीं मानते हैं। इसको लेकर आए दिन टोल पर किचकिच होती है। इस संबंध में टोल संचालक पंकज शुक्ला से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।