सरकार की गलत नीतियों का परिणाम भुगत रहे अन्नदाता
छुट्टा पशुओं से हो रही फसलों की क्षति तथा अन्य मांगों को लेकर पिछले पांच फरवरी से चल रहे आंदोलन के क्रम में शुक्रवार को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी जिला इकाई कार्यकर्ताओं ने तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए शासन प्रशासन पर जनहित की समस्याओं के समाधान में उदासीनता का आरोप लगाया गया। राज्यपाल को संबोधित आठ सूत्रीय मांगपत्र एसडीएम को सौंपा गया। किसान नेता इंद्रदेव पाल ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण इन दिनों किसानों को सर्वाधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, भदोही : छुट्टा पशुओं से हो रही फसलों की क्षति तथा अन्य मांगों को लेकर पिछले पांच फरवरी से चल रहे आंदोलन के क्रम में शुक्रवार को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी जिला इकाई कार्यकर्ताओं ने तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए शासन प्रशासन पर जनहित की समस्याओं के समाधान में उदासीनता का आरोप लगाया गया। राज्यपाल को संबोधित आठ सूत्रीय मांग पत्र एसडीएम को सौंपा गया।
किसान नेता इंद्रदेव पाल ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण इन दिनों किसानों को सर्वाधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
लहलहाती फसलों को पलक झपटते ही छुट्टा पशु बरबाद कर रहे हैं जबकि किसान रातभर जाग कर जागकर पहेदारी करने को विवश हैं। सत्ता में बैठे लोग पूंजीपतियों को खुश करने में जुटे हैं। सरकार खरीद बिक्री पर रोक के बजाए पशु छोड़ने वाले किसानों पर ही मुकदमे दर्ज कराने का अल्टीमेटम दे रही है। कहा कि पार्टी की मांग है कि छुट्टा पशुओं से हो रही फसल की बर्बादी को रोका जाए। पशु स्वामियों को दंडित करने की नीति वापस ली जाए। अनुपयोगी पशुओं को बजार रेट पर सरकार स्वयं खरीदे, पशुओं के माध्यम से नष्ट फसल का मुआवजा दिया जाए। पशुओं के हमले से मृत होने वाले परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। सरकारी खर्च पर गौरक्षण आश्रम स्थल बनाए जाए तथा पशु व्यापार करने वाली बड़ी कम्पनियों पर टैक्स लगाकर इस मद में खर्च किया जाए। जगन्नाथ मौर्य, रामचन्द्र पटेल, कैलाश नाथ ¨बद, ज्ञानप्रकाश, मुरलीधर पाल, ह्रदयलाल आदि ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।