गिरा पारा, गलन ने बांधे हाथ-पांव, सिकुड़ा जनमानस
मौसम का मिजाज दि ब दिन गंभीर रूप लेता जा रहा है। तापमान गिरकर दिन का 11 डिग्री व रात में पांच डिग्री सेल्सियस पर पहुंच जाने से शीतलहर के चलते गुरुवार को समूचा जन-जीवन सिकुड़ उठा। लोग सहमे-सहमे नजर आए। गलन के कारण अधिकतर लोग घर सुबह देर तक बिस्तर में दुबके रहे निकले भी तो अलाव के सहारे हो लिए।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : मौसम का मिजाज दिन-ब-दिन गंभीर रूप लेता जा रहा है। तापमान गिरकर दिन का 11 डिग्री व रात में पांच डिग्री सेल्सियस पर पहुंच जाने से शीतलहर के चलते गुरुवार को समूचा जनजीवन सिकुड़ उठा। लोग सहमे-सहमे नजर आए। गलन के कारण अधिकतर लोग घर सुबह देर तक बिस्तर में दुबके रहे, निकले भी तो अलाव के सहारे हो लिए। उधर ठंड व गलन के बीच सूर्यदेव के दर्शन न होने के चलते लोगों के काम-काज प्रभावित हो उठे हैं। स्थिति यह रही कि ठंड से राहत पाने के लिए चाहे व घर हो या दफ्तर, दुकान अथवा प्रतिष्ठान, हर जगह लोग हाथ सेंकते नजर आए। कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां के मौसम वैज्ञानिक सर्वेश बरनवाल ने बताया कि अभी आगे भी यह मौसम जारी रहेगा। अनुमान है कि कोहरे का धुंध रहेगा तो रात का तापमान और कम हो सकता है।
गत दिनों की अपेक्षा गुरुवार को गलन में भारी वृद्धि दर्ज की गई। सुबह जहां कोहरे के साथ हुई वहीं दिनभर धुंध छाई रही। इसके चलते न तो सूर्य देवता के दर्शन हुए और न ही राहत मिली। गलन के कारण लोग सुबह होने के बावजूद काफी देर से बिस्तर से बाहर निकले। आलम यह था कि जैसे जैसे कोहरा छंटता गया, वैसे-वैसे गलन बढ़ती गई। इस दौरान पदयात्रियों व बाइक चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नौकरी पेशा लोगों को कार्यालय तक पहुंचना, जहां दूभर हो गया वहीं दुकानदारों को भी शटर उठाने में विलंब हुआ। गलन का यह आलम रहा कि सरकारी व अर्ध सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी तक अलाव जलाकर हाथ सेंकते नजर आए। ग्रामीण अंचलों में गहराई समस्या
नगरीय क्षेत्रों में राहत देने के लिए कुछ न कुछ अलाव जल रहे हैं, लेकिन ग्रामीण अंचलों के बाजारों व चट्टी-चौराहों पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इससे समस्या गहरा गई है। आर्थिक रूप से विपन्न लोगों के पास गलन से बचने का कोई उपाय न होने के कारण पुआल, टायर आदि जलाकर राहत लेते देखे गए। थमी वाहनों की रफ्तार
कोहरे के जारी कहर ने वाहनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दिया है। बुधवार की रात दस बजे ही छाए घने कोहरे के चलते राजमार्ग सहित अन्य वाहनों की रफ्तार थम गई। बड़े वाहन के चालक जहां-तहां वाहनों को खड़ा कर होटल-ढाबों की शरण में चले गए तो तमाम लोग अत्यंत धीमी गति से सफर पूरा करते देखे गए।