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राजकीय आश्रय स्थल संचालन से कार्यदायी एजेंसी का इन्कार

सुशीला एजुकेशन ट्रस्ट ने किसी तरह संभल रहे पिपरिस गोआश्रय स्थल का संचालन करने से इनकार कर दिया है। अब यहां के करीब 500 बेसहरा मवेशी मुश्किल में पड़ गये हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 09:34 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 06:05 AM (IST)
राजकीय आश्रय स्थल संचालन से कार्यदायी एजेंसी का इन्कार
राजकीय आश्रय स्थल संचालन से कार्यदायी एजेंसी का इन्कार

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सुशीला एजुकेशन ट्रस्ट ने किसी तरह संभल रहे पिपरिस गोआश्रय स्थल का संचालन करने से इन्कार कर दिया है। करीब 500 बेसहरा मवेशी मुश्किल में पड़ गये हैं। इसमें 40 से अधिक मवेशी बीमार हैं। पहले ही यहां पर 12 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है। कंपनी के संरक्षक भोलानाथ शुक्ल ने भदोही विधायक पर सुविधा शुल्क वसूलने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को संस्था के सचिव संतोष बी शुक्ला ने इन्कारनामा डीएम को सौंप दिया है। पिपरिस स्थित राजकीय गो आश्रय स्थल का संचालन किसी दूसरे संस्था को सौंपी गई थी। मंडलायुक्त के निरीक्षण में मिली खामियां और लगातार हो रही मवेशियों की मौत के बाद जिलाधिकारी ने संस्था को हटा कर सुशीला एजुकेशन ट्रस्ट को सौंप दिया था। गुरुवार को भदोही विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी और एसडीएम ने निरीक्षण किया था। कई खामियां भी पकड़ी थी लेकिन अगले दिन उन खामियों को दूर करने के बजाय कंपनी ने संचालन से हाथ खड़े कर दिये।

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गो आश्रय स्थल संचालन का काम प्रशासन का है। प्रतिदिन मवेशी मृत हो रहे थे। मवेशियों को भूसा के स्थान पर पुआल खिलाया जा रहा है। एसडीएम ने व्यवस्था को ठीक करने के लिए निर्देशित किया है। संचालक के आरोप बेबुनियाद है। अभी वह एक व्यवसायी के मकान को कब्जा कर लिया तो गांव में सरकारी भूमि को पौधारोपण आवंटन करा लिया गया है। उन पर मुकदमा दर्ज है, फिर भी चरित्र प्रमाण पत्र बनवा लिया गया है।

- रवींद्रनाथ त्रिपाठी, विधायक, भदोही

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राजकीय गो आश्रय पिपरिस के संचालक ने संचालन करने से इनकार कर दिया गया है। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि गो आश्रय संचालन सुनिश्चित कराएं। साथ ही इस संबंध में विधायक भदोही से भी बात कर लें। --- राजेंद्र प्रसाद, जिलाधिकारी


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