छह माह बाद भी वैन हादसे में झुलसे मासूमों में दहशत
धीरे-धीरे छह माह गुजर गए लेकिन स्कूल वैन जैसे ही दरवाजे के पास से गुजरती है कि मासूमों के जेहन में वैन हादसे का डर सताने लगता है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : धीरे-धीरे छह माह गुजर गए लेकिन स्कूल वैन जैसे ही दरवाजे के पास से गुजरती है कि मासूमों के जेहन में वैन हादसे का डर सताने लगता है। झुलसे मासूम अभी तक स्कूल जाने से भयभीत हैं। उनकी जिदगी पूरी तरह तबाह हो चुकी है। आर्थिक स्थिति ठीक न होने से बच्चों के अभिभावक प्लास्टिक सर्जरी भी नहीं करा पा रहे हैं। दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी अब तक कार्रवाई नहीं की गई जा सकी। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को निलंबित किया जा चुका है लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी अभी भी सुरक्षित बच निकले हैं। जिलाधिकारी की रिपोर्ट भी सचिवालय में धूल फांक रही है। क्या था मामला
-लखनो गांव के सामने 12 जनवरी को स्कूल वैन में गैस रिसाव से लगी आग से उन्नीस बच्चे झुलस गए थे। इस मामले में वाहन स्वामी अशोक कुमार दुबे निवासी गोसाईपुर, वाहन चालक मनोज कुमार यादव निवासी इब्राहिमपुर, स्कूल प्रबंधक सुशील कुमार दुबे निवासी दुलहीपुर और प्रधानाचार्य कंचन देवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। हादसे में झुलसे तीन बच्चों की मौत हो गई थी। दोषी परिवहन विभाग के अधिकारी सत्येंद्र यादव को निलंबित किया जा चुका है लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर अभी तक कार्रवाई न होने से रिपोर्ट पर भी सवाल उठने लगा है। झुलसे मासूमों का चेहरा हो गया है खराब
वैन हादसे में झुलसे 16 बच्चों का चेहरा पूरी तरह खराब हो चुका है। बच्चों का जब तक प्लास्टिक सर्जरी नहीं कराया जाएगा तब तक वह पूरी तरह ठीक नहीं हो सकेंगे। सबसे खराब स्थिति बालिकाओं की है। उनके तो पूरी जिदगी में बदनुमा दाग लग गया है। बच्चों को देख अभिभावक भी काफी चितित हैं। हादसे के समय सरकार की ओर से भी प्लास्टिक सर्जरी कराने का भरोसा दिलाया गया था लेकिन वह भी ढाक के तीन पात साबित हो रहा है। शिक्षा अधिकारी के खिलाफ चल रही विवेचना
वैन हादसे के सभी चारों आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है जबकि एक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ अब भी विवेचना चल रही है। पुलिस शिक्षा अधिकारी की बयान आदि भी दर्ज कर चुकी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से भी यह स्पष्ट रूप से कहा जा चुका है कि गैर मान्यता वाली सूची में खंड शिक्षा अधिकारी ने इस विद्यालय का नाम नहीं शामिल किया था। विभागीय अधिकारी एक दूसरे पर गैर मान्यता संचालित स्कूल की ठीकरा फोड़ रहे हैं।