एंट्री माफिया का खेल, बेखौफ दौड़ रहे ओवरलोड ट्रक
परिवहन नियमों की अनदेखी कर अधिकारियों की मिलीभगत से सड़कों पर ओवरलोड ट्रक धड़ल्ले से चल रहे हैं। परिवहन अधिकारियों ने रैकेटबाजों से मोटी रकम लेकर जनपद में ओवरलोड ट्रकों के एंट्री का ठेका दे दिया है। इंटरनेट मीडिया पर ऐसी कई एजेंसियों के नाम भी वायरल हो रहे हैं। ओवरलोड ट्रकों का एंट्री कराने के लिए अलग दाम भी निश्चित हैं।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : परिवहन नियमों की अनदेखी कर अधिकारियों की मिलीभगत से सड़कों पर ओवरलोड ट्रक धड़ल्ले से चल रहे हैं। परिवहन अधिकारियों ने रैकेटबाजों से मोटी रकम लेकर जनपद में ओवरलोड ट्रकों के एंट्री का ठेका दे दिया है। इंटरनेट मीडिया पर ऐसी कई एजेंसियों के नाम भी वायरल हो रहे हैं। ओवरलोड ट्रकों का एंट्री कराने के लिए अलग दाम भी निश्चित हैं। जौनपुर के एक ढाबा संचालक व सिपाही के साठगांठ से यह खेल चल रहा है।
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आठ एजेंसियों के नाम भी हो रहे वायरल
ओवरलोड ट्रकों की एंट्री में आठ एजेंसियां हैं। बिहार से निकलने वाले 300 ट्रक शामिल हैं। कोयला और लोहा के 500 ओवरलोड ट्रकों को पास कराया जाता है। अलग-अलग पांच एजेंसियां हैं। अब एक-दो नहीं बड़ी संख्या में एक ही एजेंसी को इसका ठेका दे दिया जाता है।
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प्रति ट्रक पर निर्धारित रेट
एजेंसियों अधिकारियों के बीच रेट भी निर्धारित है। सोनभद्र में प्रति ओवरलोड ट्रक पर 5,000, मीरजापुर से 2200, वाराणसी से 3300, भदोही से 3200, जौनपुर में 2200, मऊ में 1800 और गोरखपुर में 3600 रुपये देना होता है।
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ओवरलोड ट्रकों को यहां से कराया जाता एंट्री
ओवरलोड ट्रकों को चोर रास्ते से एंट्री होती है। शर्त रहती है कि दिन में पकड़े जाने पर सीज अथवा चालान की कार्रवाई होगी। भदोही में वाराणसी से कपसेठी होकर रामपुर होते हुए जौनपुर तथा कछवां में जीटी रोड होते हुए औराई रजपुरा भदोही होते हुए जौनपुर निकलते हैं।
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एसआइटी भी कर चुकी है पूछताछ
पूर्वांचल में ओवरलोड ट्रकों की एंट्री को लेकर भदोही भी सुर्खियों में रहा है। सिपाही यादवेंद्र सिंह का भी नाम आया था। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी और सिपाही से भी पूछताछ हो चुकी है।
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जिले में ओवरलोड ट्रकों की एंट्री नहीं होती है। पिछले माह में ओवरलोड ट्रकों पर रिकार्ड कार्रवाई की गई थी। मामले की छानबीन कराई जाएगी। कहीं विभाग के नाम पर लोकेशन देने वाले तो यह कारनामा नहीं कर रहे हैं।
अरुण कुमार, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी।