Flood in Bhadohi : गंगा की प्रलयंकारी लहरों की वजह से उजड़ रही गृहस्थी, बाढ़ से घिरी इंसानी बस्तियां
Bhadohi Flood Report गंगा में बाढ़ का स्तर लोगों को चुनौती दे रहा है। भदोही जिले में गंगा की प्रलयंकारी लहरों की वजह से तटवर्ती इलाकों में पानी भरने के बाद से ही आवाजाही बाधित हो चुका है।
भदोही, जागरण संवाददाता। हरियाणा और उत्तराखंड के डैम से छोड़े गए पानी से गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को जल स्तर स्थिर रहा लेकिन खेतों और लागों के घरों में पानी घुस गया है। एक दिन पहले दर्ज की गई रीडिंग के अनुसार दो सेमी की प्रति घंटा रफ्तार कम होने से तटवासियों ने राहत की सांस ली। इटवां और खमरिया, छेछुआ और डीघ से कई गांवों में पानी पहुंच गया है। तटवर्ती क्षेत्र के पांच से अधिक गांवों के किसानों की फसल पूरी तरह चौपट हो गया है। किसानों के सामने मवेशियों के चारा की चिंता सता रही है।
सिंचाई विभाग की रीडिंग के अनुसार रविवार शाम तक जलस्तर 80.500 मीटर रहा। एक दिन पहले जलस्तर में चार सेंटीमीटर प्रति घंटा वृद्धि दर्ज की गई थी लेकिन रविवार को यह वृद्धि घटकर दो सेमी हो गई थी। बीच में कई घंटे तक जल स्तर स्थिर भी रहा। जल स्तर की वृद्धि में आई कमी से तटवासियों ने राहत की सांस ली। कोनिया क्षेत्र के दर्जनों गांव डीघ, इटहरा, कलिक, मवैया, छेछुआ, भोरा, गजाधरपुर, तुलसीकला, धनतुलसी, भभौरी, बहपुरा, कूडी कटान की जद में हैं। जलस्तर से छेछुआ, डीघ, गजाधरपुर आदि गांवों में सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है। छेछुआ, डीघ गांव की गई बस्तियों में भी पानी घुस गया है। लोग सुरक्षित स्थान पर सामान को पहुंचाने में जुटे हैं।
घनघना रहा तटवासियों का मोबाइल फोन : बारिश आते ही तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की मुसीबत बढ़ जाती है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण रिश्तेदार भी यहां की स्थिति के विषय में जानते रहते हैं। पूर्वांचल के बलिया, वारणसी, मीरजापुर में बाढ़ की स्थिति को देख कर कोनिया क्षेत्र के लोगों के सगे संबंधी और रिश्तेदार फोन कर हाल जानने में जुटे हुए हैं। तटवर्ती छेछुआ और डीघ में तो लाेगों के घरों में भी पानी घुस जाने से गृहस्थी पूरी तरह चौपट हो गई है।
किसानों को मिलेगा मुआवजा : एसडीएम योगेंद्र कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया जा रहा है। किसानों की फसल पानी में डूबने से नष्ट हो गई है। इसके साथ ही छेछुआ में कुछ भूमि कटान से गंगा में समा गई है। इसके लिए टीम लगाकर रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाया जाएगा।