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बोआई के मौसम में सूखी नहर, किसानों में आक्रोश

भदोही रजवाहा के अंतर्गत नहर में पानी ना होने से 12 से अधिक गांवों के पांच सौ एकड़ खेतों में बोआई का संकट छा गया है। विभागीय लापरवाही को लेकर किसानों में आक्रोश है। गेहूं की बुआई को पलेवा का समय लगभग अंतिम दौर में है। लेकिन नहर में पानी नहीं छोड़ा गया। जिससे नहर किनारे किसानों के खेत का पलेवा नहीं हो सका।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 09:51 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 06:02 AM (IST)
बोआई के मौसम में सूखी नहर, किसानों में आक्रोश
बोआई के मौसम में सूखी नहर, किसानों में आक्रोश

चिंता

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- 500 एकड़ खेतों का नहीं हुआ पलेवा, बोआई का संकट

- 12 गांव हैं प्रभावित, समाधान का नहीं दिख रहा आसार

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जासं, सुरियावां (भदोही) : भदोही रजवाहा के अंतर्गत नहर में पानी ना होने से 12 से अधिक गांवों के पांच सौ एकड़ खेतों में बोआई का संकट छा गया है। विभागीय लापरवाही को लेकर किसानों में आक्रोश है। गेहूं की बुआई को पलेवा का समय लगभग अंतिम दौर में है। नहर में पानी नहीं छोड़ा गया, जिससे नहर किनारे किसानों के खेत का पलेवा नहीं हो सका।

सिचाई का एक मात्र साधन नहर में अब-तब पानी आने की आस लगाए किसान टकटकी लगाए हुए निहार रहे हैं, लेकिन अब निराशा ही सामने दिख रही है। 200 किसानों के खेत की सिचाई न हो पाने से बोआई होना मुश्किल है। आगे भविष्य में पैदावार को लेकर अंधेरा ही किसानों को दिख रहा है। नहर के आस-पास कहीं वैकल्पित सिचाई का साधन नहीं है। दिसंबर का पहला पखवारा बीतने के बाद भी पानी नहीं छोड़ा गया। जिससे किसान विभागीय अधिकारियों को कोस रहे हैं। क्षेत्र के दुर्गागंज, गौरा, अर्जुनपुर, छनौरा, एकौनी, भटेवरा, कुसौड़ा, कपूरीपट्टी, मलेपुर, महुआपुर, बनकट, आदि गांवों के किसान परेशान है। ग्रामीण सुनील कुमार उपाध्याय बाबा, सुभाष सिंह, कल्पनाथ सिंह, राजेंद्र प्रसाद सिंह आदि ने आरोप लगाया कि कई बार नहर विभाग के अधिशासी अभियंता से शिकायत की गई। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। किसानों ने नहर में पानी छोड़ने के लिए जिलाधिकारी से मांग किया है।


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