वाहनों के दबाव से बंद नहीं हुआ फाटक, आ गई ट्रेन
स्टेशन मास्टर रविशंकर ने बताया कि दो बजे गेटमैन को गेट बंद करने को कहा गया था। हालांकि सड़क यातायात के दबाव के कारण वह बंद नहीं कर सका। बताया कि ट्रेन लगभग आठ से दस मिनट तक खड़ी रही। बताते चलें कि गत 10 नवंबर को भी इसी तरह हादसा होते होते बचा था। उस दौरान वाराणसी से लखनऊ के बीच चलने वाली अप इंटरसिटी एक्सप्रेस आ धमकी थी तथा गेट बंद नहीं हो सका था। उस दौरान भी चालक को ट्रेन रोकना पड़ा था। गेटमैन का कहना है कि इस प्रकार की दिक्कत रोज खड़ी हो रही है तथा वाहनों के भारी दबाव के कारण गेट बंद करना मुश्किल हो जाता है। उधर समस्या से अवगत होने के बाद भी विभागीय स्तर से कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि गेट पर पुलिस की ड्यूटी होनी चाहिए ताकि ट्रेन आगमन की सूचना पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त किया जा सके। विभाग ने जल्द ही ऐसा नहीं किया तो किसी दिन गंभीर हादसा होना तय है।
जागरण संवाददाता, भदोही : वाराणसी-जंघई रेलखंड स्थित गजिया रेलवे फाटक पर शुक्रवार को उस समय बड़ा हादसा होते होते बचा जब अप सारनाथ एक्सप्रेस आ धमकी तथा गेट बंद नहीं हो सका था। हालांकि चालक ने सक्रियता का परिचय देते हुए गेट से पहले ही ट्रेन रोक दी अन्यथा गंभीर हादसा हो सकता था। गत 10 नवंबर को भी इसी तरह उक्त गेट पर दुर्घटना होते होते बची थी। विडंबना तो यह है कि बावजूद इसके न तो विभाग संज्ञान नहीं ले रहा है।
दोपहर लगभग दो बजे छपरा से दुर्ग को जाने वाली अप सारनाथ एक्सप्रेस के आगमन संकेत पर गेटमैन फाटक बंद कर रहा था। हालांकि वाहनों का इतना दबाव था कि वह काफी प्रयास के बाद भी गेट बंद नहीं कर सका। आलम यह था कि गेट का बूम काफी नीचे आ चुका था बावजूद इसके वाहनों का आवागमन रुका नहीं। उधर हार्न देते हुए ट्रेन आ धमकी। राहत की बात तो यह है कि गंभीर खतरे को देखते हुए चालक ने गेट से पहले ही ट्रेन रोक दी अन्यथा गंभीर हादसा हो सकता था। उधर ट्रेन के करीब आते ही अफरातफरी मच गई तथा लोग इधर उधर उधर हो गए। बहरहाल जैसे तैसे गेट बंद किया गया तब कहीं जाकर ट्रेन भदोही स्टेशन की ओर रवाना हो सकी।
स्टेशन मास्टर रविशंकर ने बताया कि दो बजे गेटमैन को गेट बंद करने को कहा गया था। हालांकि सड़क यातायात के दबाव के कारण वह बंद नहीं कर सका। बताया कि ट्रेन लगभग आठ से दस मिनट तक खड़ी रही। बताते चलें कि गत 10 नवंबर को भी इसी तरह हादसा होते होते बचा था। उस दौरान वाराणसी से लखनऊ के बीच चलने वाली अप इंटरसिटी एक्सप्रेस आ धमकी थी तथा गेट बंद नहीं हो सका था। उस दौरान भी चालक को ट्रेन रोकना पड़ा था। गेटमैन का कहना है कि इस प्रकार की दिक्कत रोज खड़ी हो रही है तथा वाहनों के भारी दबाव के कारण गेट बंद करना मुश्किल हो जाता है। उधर समस्या से अवगत होने के बाद भी विभागीय स्तर से कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि गेट पर पुलिस की ड्यूटी होनी चाहिए ताकि ट्रेन आगमन की सूचना पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त किया जा सके। विभाग ने जल्द ही ऐसा नहीं किया तो किसी दिन गंभीर हादसा होना तय है।