Move to Jagran APP

वाहनों के दबाव से बंद नहीं हुआ फाटक, आ गई ट्रेन

स्टेशन मास्टर रविशंकर ने बताया कि दो बजे गेटमैन को गेट बंद करने को कहा गया था। हालांकि सड़क यातायात के दबाव के कारण वह बंद नहीं कर सका। बताया कि ट्रेन लगभग आठ से दस मिनट तक खड़ी रही। बताते चलें कि गत 10 नवंबर को भी इसी तरह हादसा होते होते बचा था। उस दौरान वाराणसी से लखनऊ के बीच चलने वाली अप इंटरसिटी एक्सप्रेस आ धमकी थी तथा गेट बंद नहीं हो सका था। उस दौरान भी चालक को ट्रेन रोकना पड़ा था। गेटमैन का कहना है कि इस प्रकार की दिक्कत रोज खड़ी हो रही है तथा वाहनों के भारी दबाव के कारण गेट बंद करना मुश्किल हो जाता है। उधर समस्या से अवगत होने के बाद भी विभागीय स्तर से कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि गेट पर पुलिस की ड्यूटी होनी चाहिए ताकि ट्रेन आगमन की सूचना पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त किया जा सके। विभाग ने जल्द ही ऐसा नहीं किया तो किसी दिन गंभीर हादसा होना तय है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 10:53 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 10:53 PM (IST)
वाहनों के दबाव से बंद नहीं हुआ फाटक, आ गई ट्रेन
वाहनों के दबाव से बंद नहीं हुआ फाटक, आ गई ट्रेन

जागरण संवाददाता, भदोही : वाराणसी-जंघई रेलखंड स्थित गजिया रेलवे फाटक पर शुक्रवार को उस समय बड़ा हादसा होते होते बचा जब अप सारनाथ एक्सप्रेस आ धमकी तथा गेट बंद नहीं हो सका था। हालांकि चालक ने सक्रियता का परिचय देते हुए गेट से पहले ही ट्रेन रोक दी अन्यथा गंभीर हादसा हो सकता था। गत 10 नवंबर को भी इसी तरह उक्त गेट पर दुर्घटना होते होते बची थी। विडंबना तो यह है कि बावजूद इसके न तो विभाग संज्ञान नहीं ले रहा है।

loksabha election banner

दोपहर लगभग दो बजे छपरा से दुर्ग को जाने वाली अप सारनाथ एक्सप्रेस के आगमन संकेत पर गेटमैन फाटक बंद कर रहा था। हालांकि वाहनों का इतना दबाव था कि वह काफी प्रयास के बाद भी गेट बंद नहीं कर सका। आलम यह था कि गेट का बूम काफी नीचे आ चुका था बावजूद इसके वाहनों का आवागमन रुका नहीं। उधर हार्न देते हुए ट्रेन आ धमकी। राहत की बात तो यह है कि गंभीर खतरे को देखते हुए चालक ने गेट से पहले ही ट्रेन रोक दी अन्यथा गंभीर हादसा हो सकता था। उधर ट्रेन के करीब आते ही अफरातफरी मच गई तथा लोग इधर उधर उधर हो गए। बहरहाल जैसे तैसे गेट बंद किया गया तब कहीं जाकर ट्रेन भदोही स्टेशन की ओर रवाना हो सकी।

स्टेशन मास्टर रविशंकर ने बताया कि दो बजे गेटमैन को गेट बंद करने को कहा गया था। हालांकि सड़क यातायात के दबाव के कारण वह बंद नहीं कर सका। बताया कि ट्रेन लगभग आठ से दस मिनट तक खड़ी रही। बताते चलें कि गत 10 नवंबर को भी इसी तरह हादसा होते होते बचा था। उस दौरान वाराणसी से लखनऊ के बीच चलने वाली अप इंटरसिटी एक्सप्रेस आ धमकी थी तथा गेट बंद नहीं हो सका था। उस दौरान भी चालक को ट्रेन रोकना पड़ा था। गेटमैन का कहना है कि इस प्रकार की दिक्कत रोज खड़ी हो रही है तथा वाहनों के भारी दबाव के कारण गेट बंद करना मुश्किल हो जाता है। उधर समस्या से अवगत होने के बाद भी विभागीय स्तर से कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि गेट पर पुलिस की ड्यूटी होनी चाहिए ताकि ट्रेन आगमन की सूचना पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त किया जा सके। विभाग ने जल्द ही ऐसा नहीं किया तो किसी दिन गंभीर हादसा होना तय है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.