सड़क से गांव तक मवेशी बने जान के दुश्मन
बेसहारा मवेशी लोगों के जान के दुश्मन साबित हो रहे हैं। जनपद में एक वर्ष में अब तक 15 लोग ऐसे मवेशियों के हमले से घायल हो चुके हैं। आए दिन हो रही घटनाओं से लोग चितित हैं। बेसहारा मवेशियों को गोशाला व बेसहारा आश्रय स्थल तक पहुंचाने के नाम पर महज कागजी खानापूर्ति की जा रही है। सड़क से लेकर खेतों तक में बेसहारा मवेशियों के मचे उत्पात से कैसे निजात मिले लोग समझ नहीं पा रहे हैं। नगरीय क्षेत्रों में विचरण करते मवेशियों को पकड़कर आश्रय स्थल पहुंचाने का अभियान तो शुरू किया गया लेकिन वह खानापूर्ति तक ही सिमटा रहा। उधर ग्रामीण अंचलों में ऐसा कोई अभियान भी नहीं चल सका है।
जागरण संवाददाता, खमरिया (भदोही) : बेसहारा मवेशी लोगों के जान के दुश्मन साबित हो रहे हैं। जनपद में एक वर्ष में अब तक 15 लोग ऐसे मवेशियों के हमले से घायल हो चुके हैं। आए दिन हो रही घटनाओं से लोग चितित हैं। बेसहारा मवेशियों को गोशाला व बेसहारा आश्रय स्थल तक पहुंचाने के नाम पर कागजी खानापूर्ति की जा रही है। सड़क से खेतों तक बेसहारा मवेशियों के मचे उत्पात से कैसे निजात मिले लोग समझ नहीं पा रहे हैं। नगरीय क्षेत्रों में विचरण करते मवेशियों को पकड़कर आश्रय स्थल पहुंचाने का अभियान तो शुरू किया गया लेकिन वह खानापूर्ति तक ही सिमटा रहा। उधर ग्रामीण अंचलों में ऐसा कोई अभियान भी नहीं चल सका है जबकि महंगी लागत लगाकर बोई फसलों को बर्बाद होते देख किसानों की आंख से आंसू निकल रहे हैं। नगर में दिनों-दिन बढ़ रही ऐसे मवेशियों की संख्या को लेकर बाशिदे चितित हैं।