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हाइवे पर काल साबित हो रहे बेसहारा मवेशी

जागरण संवाददाता गोपीगंज (भदोही) जीटी रोड के बीचो-बीच टहल रहे बेसहारा मवेशी आवागमन

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 09:42 PM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 09:42 PM (IST)
हाइवे पर काल साबित हो रहे बेसहारा मवेशी
हाइवे पर काल साबित हो रहे बेसहारा मवेशी

जागरण संवाददाता, गोपीगंज (भदोही) : जीटी रोड के बीचो-बीच टहल रहे बेसहारा मवेशी आवागमन कर रहे लोगों के जीवन के लिए घातक साबित हो रहे हैं। आए दिन वाहन सवार बेतरतीब टहल रहे मवेशियों से टकराकर घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं तो कई लोगों की जान भी जा चुकी है। सरकार की ओर से खोले गए बेसहारा आश्रय स्थल भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। सड़कों पर टहल रहे मवेशियों के झुंड को आश्रय स्थल तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से कोई ठोस उपाय नहीं दिख रहा है। महराजगंज से लेकर ऊंज तक आए दिन मवेशियों से टकराकर हादसे हो रहे हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी अंजान बने हुए हैं। बड़े वाहनों से टकराकर तो कई मवेशी भी जान गवां चुके हैं तो कई घायल होकर इधर-उधर पटरी पर पड़े रहते हैं।

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सरकार के फरमान का धरातल पर नहीं दिख रहा असर

- मुख्यमंत्री बेसहारा पशुओं को आश्रय स्थल तक पहुंचाने के लिए बेहद सख्त हैं, लेकिन धरातल पर विभागीय अधिकारी उनकी सख्ती की हवा निकाल रहे हैं। सूबे के मुखिया को चेताने के बाद भी बेसहारा मवेशी छोड़ने वालों पर कार्रवाई होगी, लेकिन कुछ नहीं हो रहा। जिले में स्थायी और अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल भी हैं, लेकिन वहां तक पशुओं को पहुंचाने में लापरवाही बरती जा रही है।

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राहगीरों का दर्द:

- सड़क की पटरियों पर झुंड बनाकर मवेशी बैठे रहते हैं। कब सामने आ जाते हैं पता ही नहीं चल पाता है। सीधे टककर होने के कारण हादसे हो जाते हैं। हाथ-पैर टूट जाते हैं तो कई की जान भी जा चुकी है। सरकार की ओर से बने आश्रय स्थलों में मवेशियों को नहीं पहुंचाया गया।

-चित्र---24-- साहबे आलम।

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- बेसहारा मवेशी आश्रय स्थल का निर्माण हुआ है। किसानों की ओर से मवेशी ले जाने पर संचालकों की ओर से मवेशी लेने के लिए पैसे मांगें जा रहे हैं। समस्या का समाधान नहीं हो पाया। --- चित्र 4 चित्र--25---- सरफराज।

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महराजगंज से लेकर ऊंज तक बाइक से चलना खतरा बना हुआ है। मवेशी कब सामने आ जाते हैं पता नहीं लग पाता है। जगह-जगह झुंड बनाकर बैठे रहते हैं। आश्रय स्थल तैयार हो गया है। इसके बाद भी मवेशियों को नहीं पहुंचाया जा रहा है।

चित्र.26-- मोहम्मद आलम।

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हाइवे पर झुंड बनाकर बैठे मवेशी जानलेवा हो गए हैं। आए दिन हादसे हो रहे हैं। कई की जान भी जा चुकी है लेकिन जिम्मेदार अंजान बने हुए हैं। अधिसंख्य मवेशी बड़े वाहनों की चपेट में आने से घायल हो जाते हैं।

चित्र- 27- रामराज मौर्य।


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