ट्रांसफार्मर के लिए मीरजापुर पर निर्भर रहते हैं अभियंता
उदासीनता-- -फुंकने के बाद ट्रांसफार्मर बदलने में लग जाते हैं चार से पांच दिन -अगले साल से भदो
उदासीनता--
-फुंकने के बाद ट्रांसफार्मर बदलने में लग जाते हैं चार से पांच दिन
-अगले साल से भदोही में होगी 250 केवी के ट्रांसफार्मरों की मरम्मत
जासं, भदोही : ट्रांसफार्मर मरम्मत के लिए मीरजापुर वर्कशाप की निर्भरता जनपद के विद्युत उपभोक्ताओं को लिए सिरदर्द बन गई है। नियमानुसार ट्रांसफार्मर जलने के 24 घंटे के अंदर बदल दिया जाना चाहिए लेकिन यहां 124 घंटे के बाद भी ट्रांसफार्मर बदलने की गारंटी नहीं रहती है। पिछले दिनों निर्यात भवन परिसर का ट्रांसफार्मर जलने के बाद इसे बदलने में पांच दिन लग गए थे। इसी तरह अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर बदलना विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
भदोही वितरण खंड में छोटे बडे मिलाकर तीन हजार ट्रांसफार्मर है। कहीं न कहीं का ट्रांसफार्मर जला रहता है। 100 केवी तक के ट्रांसफार्मर तो यही मरम्मत किए जाते हैं लेकिन अधिक समस्या इससे अधिक क्षमता वाले ट्रांसफार्मरों को लेकर होती है। इसके लिए मीरजापुर राह पकड़ना पड़ता। विभागीय अधिकारी भी हाथ खडे कर देते हैं। इस दौरान उपभोक्ताओं को ही चंदा करके वाहन आदि की व्यवस्था करनी होती है। कुल मिलाकर एक बार ट्रांसफार्मर जला तो पांच से छह हजार रुपये खर्च करना पड़ता है तब कहीं जाकर ट्रांसफार्मर बदला जाता है।
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विभाग की ओर से भदोही स्थित वर्कशाप को विस्तार किया जा रहा है। आगामी वर्ष फरवरी-मार्च तक भदोही में 250 केवी तक के ट्रांसफार्मर की मरम्मत होने लगेगी। इसके लिए व्यवस्था कर ली गई है। प्रयास किया जा रहा है कि आने वाली गर्मी में उपभोक्ताओं को ट्रांसफार्मर के चलते समस्या का सामना न करना पडे। इसके लिए 250 केवी तक क्षमता वाले 100 ट्रांसफार्मर रिजर्व में तैयार रखने की योजना है। इस पर तेजी से काम चल रहा है। हालांकि इससे अधिक क्षमता वाले ट्रांसफार्मरों को मीरजापुर वर्कशाप में मरम्मत किया जाएगा।
अरुण कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता, वर्कशाप, मीरजापुर