बैंकों में टूटा शारीरिक दूरी कायम रखने का फरमान
कोरोना वायरस का संक्रमण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। यहां तक की जिले में भी प्रति दिन नए मरीज सामने आ रहे हैं। वायरस संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन फोर भी लागू किया जा चुका है। इसके बाद भी स्थिति यह है कि लोग सचेत नहीं हो रहे हैं। शारीरिक दूरी का पालन करने को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई पड़ रही है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कोरोना वायरस का संक्रमण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। यहां तक की जिले में भी प्रति दिन नए मरीज सामने आ रहे हैं। वायरस संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन फोर भी लागू किया जा चुका है। इसके बाद भी स्थिति यह है कि लोग सचेत नहीं हो रहे हैं। शारीरिक दूरी का पालन करने को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई पड़ रही है। विशेषकर बैंकों में शारीरिक दूरी का पालन करने का फरमान पूरी तरह से ध्वस्त हो उठा है। अनदेखी का हाल यह है कि न तो ग्राहक व बैंक कर्मी सचेत हो रहे हैं न ही पुलिस के लोग इस ओर कोई ध्यान दे रहे हैं।
लॉकडाउन में गरीबों, मजदूरों को कोई दिक्कत न हो। सरकार की ओर से मजदूरों के खाते में एक हजार रुपये भेजा गया है। इसके साथ ही उज्जवला योजना के लाभार्थियों आदि के खाते में धनराशि भेजी गई है। बंदी के दौर में भोजन के इंतजाम को लेकर गरीब व श्रमिक रुपये निकालने के लिए बैंकों में उमड़ रहे हैं। सोमवार को ज्ञानपुर में स्थित इलाहाबाद बैंक व अर्बन कोआपरेटिव बैंक ज्ञानपुर में सुबह से ही ग्राहकों की कतार लग गई। बेखौफ भीड़ के बीच शारीरिक दूरी को बनाए रखने के लिए जारी निर्देश का उल्लंघन होता रहा तो बैंक कर्मी से लेकर पुलिस के जवान तक इसकी अनदेखी करते रहे।