Move to Jagran APP

बारिश से बची फसल, गिरते तापमान व बादलों ने बढ़ाया खतरा

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) जिले में नौ हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में दलहन सरसों की

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 05:03 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 05:03 PM (IST)
बारिश से बची फसल, गिरते तापमान व बादलों ने बढ़ाया खतरा
बारिश से बची फसल, गिरते तापमान व बादलों ने बढ़ाया खतरा

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : जिले में नौ हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में दलहन सरसों की बोआई की गई है। कहीं फसल में फलियां लग चुकी तो कहीं फूल से लद चुकी हैं। पिछले दिनों हुई हल्की बारिश व बूंदा-बादी से फसल को नुकसान तो नहीं पहुंचा लेकिन लगातार गिरता तापमान व बादलों से खतरा बढ़ता दिख रहा है। ऐसे में किसानों ने सावधानी नहीं बरती, देखभाल में लापरवाही की तो पिछैती सरसों में माहों सहित अन्य कीट-रोगों का खतरा बढ़ेगा। किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा। बचाव के लिए कृषि विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी कर दी गई है। किसान सुरक्षात्मक छिड़काव कर फसल को सुरक्षित रख सकते हैं। कैसे करें बचाव

loksabha election banner

जिला कृषि रक्षाधिकारी रत्नेश कुमार सिंह ने बताया कि गिरता तापमान व बादलयुक्त मौसम राई-सरसों के लिए नुकसानदेह होता है। इसमें माहों के साथ अन्य कीट रोगों के लगने का खतरा होगा है। सरसों में लगने वाले माहों एवं पत्ती सुरंगक कीट के नियंत्रण के लिए एजाडिरेक्टिन 0.15 प्रतिशत ईसी 2.5 लीटर या फिर डाईमेथोएट 30 प्रतिशत ईसी अथवा क्लोरपाइरीफास 20 प्रतिशत ईसी की एक लीटर दवा को 600-700 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए। इसी तरह अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा, सफेद गेरूई एवं तुलासिता रोग के नियंत्रण के लिए मैंकोजेब 75 प्रतिशत डब्लूपी अथवा जिनेब 75 प्रतिशत डब्लूपी दवा दो किलो या मेटालैक्सिल आठ प्रतिशत, मैंकोजेब 64 प्रतिशत 2.5 किलो को प्रति हेक्टेयर की दर से 600-750 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना लाभकारी होगा। 33 फीसद से अधिक नुकसान पर मुआवजे का प्रविधान

उप निदेशक, कृषि अरविद कुमार सिंह ने बताया सरसों में किसी प्राकृतिक दैवीय आपदा की स्थिति में 33 फीसद से अधिक नुकसान पर राजस्व विभाग की ओर से क्षतिपूर्ति देने का प्रविधान है। फसल बीमा होता है लेकिन जिले में सरसों बीमा योजना से आच्छादित नहीं है। सरसों में छिड़काव के लिए आने वाले कीटनाशक पर कोई अनुदान भी अनुमन्य नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.