पूरे दिन होती रही बारिश, कालीनों का काम ठप
पिछले दो सप्ताह से जारी रहा बारिश का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार की रात भर बूंदा बांदी होती रही तो गुरुवार को सुबह से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। इसके चलते कालीन नगरी का जनजीवन अस्त व्यवस्था रहा। पहले ही प्रभावित कालीन संबंधी कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा तो मौसम का रुख देखते हुए अधिकतर कार्यालयों व दुकानों के शटर शाम होते होते डाउन हो गए।
जासं, भदोही: पिछले दो सप्ताह से जारी रहा बारिश का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार की रात भर बूंदा बांदी होती रही तो गुरुवार को सुबह से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। इसके चलते कालीन नगरी का जनजीवन अस्त व्यवस्था रहा। पहले ही प्रभावित कालीन संबंधी कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा तो मौसम का रुख देखते हुए अधिकतर कार्यालयों व दुकानों के शटर शाम होते होते डाउन हो गए।
स्टेशन रोड, मशाल रोड सहित विभिन्न मार्गों पर दिन भर जलजमाव की स्थिति रही। उधर मौसम की बेरुखी व मैदानों में पानी लगने के कारण कालीन कामगारों के सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। कालीनों के आउटडोर कार्य ठप होने से बड़ी संख्या में लोग हाथ पर हाथ धरे बैठने को विवश हैं। उत्पादन व फीनिशिग का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। उद्यमियों का कहना है कि अधिक दिनों तक यही स्थिति रही तो निर्यात भी प्रभावित हो सकता है।
कामकाज वाले मैदानों में जलजमाव होने के कारण टेढ़ा, लेटेक्सिग जैसे काम पहले से ठप हैं वहीं कातियों की रंगाई तथा कालीनों की धुलाई का काम भी प्रभावित हो रहा है। गुरुवार को रंगाई भट्टे जले ही नहीं जबकि धुलाई प्लाटों पर सन्नाटा देखा गया। इसके अलावा कालीन संबंधी अन्य कामकाज भी ठप पड़े हैं।
उधर काती रंगाई कार्य कराने वाले इश्तियाक डायर का कहना है कि इन दिनों महज 10 से 20 फीसद कार्य हो रहा है। बताया कि आम दिनों में जहां दस से 15 कुंतल कातियों की रंगाई होती थी तो इन दिनों से दो चार कुंतल भी रंगाई कर सुखाना मुश्किल हो गया है। बताया कि गुरुवार को भट्ठा जलाने की नौबत ही नहीं आई।