लिपिक पहुंचाते हैं रिश्वत का पैसा
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग प
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। भूमि अध्याप्ति विभाग में सर्वे अधिकारी रंजना पटेल का वीडियो वायरल होने से कलेक्ट्रेट की पोल खुल गई। अधिकारी और चर्चित लिपिक की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। हकीकत यह है कि लिपिकों के माध्यम से ही अफसरों तक रिश्वत पहुंचाई जाती है। मामले में एसडीएम ज्ञानपुर कोर्ट में तैनात एक लिपिक का भी नाम सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि रंजना पटेल का काल डिटेल निकाला जाए तो हकीकत से पर्दा उठ जाएगा। डीएम ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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जेल जा चुके हैं लिपिक और लेखपाल
भ्रष्टाचार में संलिप्त लिपिक और लेखपाल जेल जा चुके हैं। घूस लेने का वीडियो वायरल होने पर भदोही स्थित विद्युत सब डिविजन में तैनात लिपिक राजेश मिश्र और ज्ञानपुर कोतवाली के दारोगा को निलंबित किया जा चुका है। जांच में रिश्वत लेने की पुष्टि भी की गई है। इसके बाद भी अभी तक भ्रष्ट लिपिकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
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सरकारी विभागों में बाबुओं का चलता है सिक्का
कलेक्ट्रेट, शिक्षा विभाग, विकास भवन, स्वास्थ्य आदि विभागों में लिपिकों का सिक्का चलता है। कलेक्ट्रेट में तो एक लिपिक को जनपद सृजन अभी तक कमान सौंप दी गई है। यहां के लिपिकों का तार सीधे अन्य विभाग से जुड़ा है। स्वास्थ्य विभाग में तैनात लिपिक तो अधिकारी बनकर जांच करने भी चिकित्सालयों में पहुंच जाते हैं। बेसिक शिक्षा का एक बाबू तो नियुक्ति से लेकर तैनाती तक की फाइल खुद संभाल कर रखता है।
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देखते ही देखते करोड़पति हो गए लिपिक
कलेक्ट्रेट में तैनात लिपिक देखते ही देखते करोड़पति बन गए हैं। जिले के अलावा अन्य महानगरों में बेशकीमती भवन तैयार करा चुके हैं। स्वास्थ्य और बेसिक शिक्षा विभाग के लिपिक भी किसी से कम नहीं हैं। जांच करा दिया जाए तो कई कर्मियों के पास आय से अधिक संपत्ति मिलेगी।