दावे तमाम, नहीं थम रही राशन की कालाबाजारी
अंत्योदय व पात्र गृहस्थी के कार्डधारकों को सस्ते दर पर राशन उपलब्ध कराने के लिए संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत स्थापित कोटे की दुकानों से वितरण व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने को लेकर तमाम दावे हो रहे हैं लेकिन राशन की कालाबाजारी पर अंकुश लगता नहीं दिख रहा है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : अंत्योदय व पात्र गृहस्थी के कार्डधारकों को सस्ते दर पर राशन उपलब्ध कराने के लिए संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत स्थापित कोटे की दुकानों से वितरण व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने को लेकर तमाम दावे हो रहे हैं लेकिन राशन की कालाबाजारी पर अंकुश लगता नहीं दिख रहा है। कार्डधारकों को विभिन्न बहाने से आधा अधूरा राशन देकर टरकाने की परंपरा जारी है। उधर शिकायत के बाद भी कार्रवाई को लेकर विशेष सतर्कता न दिखाए जाने से अधिकांश कोटेदारों का मनोबल आसमान छू रहा है। कोटेदार जहां मालामाल हो रहे हैं वहीं गरीब उपभोक्ता हाथ मलते रह जाते हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना अप्रैल 2016 में लागू होने के बाद राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए तमाम उपायों पर विभाग ने काफी गंभीरता दिखाई थी। जिला प्रशासन का दावा था कि गरीबों के हक के अनाज की कतई कालाबाजारी नहीं होने दी जाएगी। बावजूद इसके स्थिति यह है कि आए दिन कोटे की दुकानों के खाद्यान्न वितरण में मनमानी को लेकर शिकायतें उठ रही हैं। कहीं राशन कार्ड बनाने में मनमानी के चलते अपात्रों का नाम सूची में शामिल करने व पात्रों को वंचित किए जाने की शिकायत उठ रही है तो कहीं आधा-अधूरा खाद्यान्न देने की शिकायत छाई हुई है। यहां तक की ग्रामीण कभी जिला पूर्ति कार्यालय तो कभी जिला मुख्यालय पर पहुंचकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले दिनों ही देखा जाय जो जिला मुख्यालय नगर ज्ञानपुर से सटे लखनों गांव के ग्रामीणों से लेकर औराई ब्लाक क्षेत्र के ठेगीपुर गांव व सुरियावां विकास खंड के पट्टीबेजाव गांव सहित कई अन्य गांवों के ग्रामीण मुख्यालय पहुंचकर कोटे की दुकान से खाद्यान्न का वितरण नियमित ढंग से न किए जाने व आधा-अधूरा खाद्यान्न बांटे जाने की शिकायत कर चुके हैं। वैसे विभागीय दावा यह रहता है कि जहां कहीं शिकायत उठती है जांच कराकर कार्रवाई की जाती है लेकिन इसके बाद भी शिकायतों में कोई कमी नहीं आ पा रही है।