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आफत का जाम, सुबह से हो गई शाम

जासं, भदोही : कालीन नगरी को जाम की समस्या से मुक्ति मिलने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है। धौरहरा पु

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 09:57 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 09:57 PM (IST)
आफत का जाम, सुबह से हो गई शाम
आफत का जाम, सुबह से हो गई शाम

जासं, भदोही : कालीन नगरी को जाम की समस्या से मुक्ति मिलने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है। धौरहरा पुल निर्माण की कवायद परवान चढ़ने की उम्मीद दूर-दूर तक नहीं दिख रही है। इसके कारण हाईवे निर्माण के बाद भी समस्या के समाधान की उम्मीद नहीं है। इसी तरह शहर में यातायात नियमों के बरती जा रही लापरवाही जाम की समस्या का कारण बनी हुई है। स्टेशन रोड, गजिया में प्रतिदिन दोपहर एक बजे से तीन बजे तक दो घंटे का जाम लगना तय है।

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भदोही से रामपुर की दूरी महज 10 किमी है, लेकिन इसे तय करने में दो से ढाई घंटे लग जाते हैं। बीच में कोई ट्रक बिगड़ गई तो चार से पांच घंटे की फुरसत हो जाती है। यह सिलसिला कई माह से चल रहा है। दैनिक यात्रियों विशेषकर नौकरी पेशा व व्यवसायियों को समय से गंतव्य तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। सुबह घर से निकलने वाले कब दुकानों, प्रतिष्ठानों अथवा गंतव्य पर पहुंचेंगे कोई गारंटी नहीं है। चिता तो यह है कि गंभीर समस्या से जनता भले ही जूझ रही है, लेकिन इस मामले में प्रशासन पूरी तरह बेखबर है। यहां तक कि यातायात व्यवस्था सुचारु करने के लिए पुलिस भी नहीं लगाई जा रही है। इंदिरा मिल के पास भले ही नईबाजार चौकी पुलिस सक्रिय रहती है, लेकिन धौरहरा व रामपुर के बीच जवान ढूंढ़ने से नहीं मिलते, जबकि सड़क पर वाहनों की कतार लगी रहती है। गुरुवार को सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे से भीषण जाम लगा रहा। धौरहरा पुल के दोनों ओर वाहनों की कतार लगी रही। एक तरफ के वाहनों को रोककर बारी-बारी से पास कराया गया, तब जाकर राहत मिली। इस दौरान पचवल से इंदिरा मिल चौराहे तक वाहनों की कतार लग चुकी थी। जल्द मिलने वाली नहीं जाम से मुक्ति

हाईवे का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके कारण भी समस्या उत्पन्न हो रही है। हालांकि हाईवे निर्माण के बाद भी समस्या से मुक्ति मिलने की संभावना दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है। कारण धौरहरा पुल। उक्त पुल के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा बार-बार भेजा जा रहा स्टीमेट व डिजाइन फेल कर दिया जा रहा है। ऐसे में जल्द पुल निर्माण की उम्मीद भी नहीं है जो चिता का प्रमुख कारण बना हुआ है। हाईवे निर्माण के बाद पुल निर्माण की पहल होती तो शायद कुछ दिनों में जाम की समस्या से मुक्ति मिलने की उम्मीद जग सकती थी।


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