नीम हकीम के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज
बीस वर्षों से अवैध रूप से संचालित अस्पताल में नीम हकीम ने आखिरकार एक परिवार का चिराग बुझा दी। इतने लंबे अर्से से चल रहे काले कारनामे को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी अंजान बने रहे।
जागरण संवाददाता, गोपीगंज (भदोही) : बीस वर्षों से अवैध रूप से संचालित अस्पताल में नीम हकीम ने आखिरकार एक परिवार का चिराग बुझा दी। इतने लंबे अर्से से चल रहे काले कारनामे को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी अंजान बने रहे। आलम यह रहा है कि गुरुवार की रात लापरवाही के चलते होनहार कुलदीप दुबे की मौत हो गई। देर रात कोतवाली में परिजनों के हंगामा के बाद आरोपित नीम-हकीम के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
कोतवाली क्षेत्र के तिलंगा गांव के संदीप दुबे का पुत्र कुलदीप दुबे की गुरुवार को तबियत अचानक खराब हो गई। परिवार के लोग बस स्टैंड के समीप बीस वर्षों से संचालित अवैध अस्पताल में नीम हकीम की लापरवाही से उसकी मौत हो गई। बवाल न हो इसलिए नीम हकीम ने एंबुलेंस से शव को तिलंगा उसके घर भेज दिया। शव देख परिजनों पर बज्रपात हो गया। आक्रोशित परिवार के लोग देर रात शव को लेकर कोतवाली पहुंच गए। ग्रामीणों और परिवार के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने आनन-फानन नीम हकीम के शमरी प्रसाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिवार के लोगों ने पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराने पर अडिग रहे। इसको देखकर पुलिस कर्मियों में हड़कंच मचा रहा। हालांकि कुछ ही समय बाद परिवार के लोगों को राजी होने पर पोस्टमार्टम कराया गया। ''गोपीगंज में अवैध रूप से अस्पताल संचालित की जा रही थी। मामला संज्ञान में आया है। टीम लगाकर जांच कराई जाएगी। दोषी लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।''
-डा. लक्ष्मी सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी।