मुख्यमंत्री को नहीं दिखा सके कालीन उद्योग के जख्म
लाकडाउन के कारण ठप पड़े उद्योग धंधों को गति प्रदान करने के उद्देश्य से सूक्ष्म व लघु उद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की पहल पर सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ लघु सूक्ष्म मध्यम उद्यम व्यवसायियों से रूबरू थे। वेबिनार में प्रदेश से विभिन्न उद्योग से जुड़े लगभग दो सौ उद्यमियों ने भागीदारी की। इसमें भदोही जनपद के दो निर्यातकों शामिल होने का अवसर मिला था लेकिन न उन्हें अपनी समस्या रखने का अवसर मिला न ही सीएम ने कालीन उद्योग के संबंध में चर्चा की। इससे उद्योग जगत में निराशा है। लोगों का कहना है कि विभिन्न माध्यमों से अपनी समस्याएं सरकार तक पहुंचाने के बाद भी उद्योग की अनदेखी की जा रही है जो निराशाजनक है।
जासं, भदोही : लॉकडाउन के कारण तबाह हो चुके कालीन उद्योग को रफ्तार देने की उम्मीद सोमवार को परवान नहीं चढ़ सकी। सोमवार को प्रदेश के सभी उद्योग पर चर्चा करने के लिये आयोजित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वेबिनार कार्यक्रम में कालीन इंडस्ट्री का जख्म दबकर रह गया। कारोबारी उद्योग का दर्द सीएम को बता नहीं सके। जिले से दो कारोबारियों को कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला था, लेकिन वह अपनी बात नहीं रख सके।
बता दें कि सूक्ष्म व लघु उद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की पहल पर कार्यक्रम हुआ। प्रदेश से कई उद्योगों से जुड़े 200 से अधिक कारोबारी जुड़े थे, इसमें भदोही से कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के वरिष्ठ सदस्य उमेश गुप्ता और गोपीगंज के बड़े कालीन कारोबारी संजय गुप्ता शामिल थे। उन्हें उम्मीद थी कि कालीन उद्योग की समस्या को सीधे सीएम के सामने रखने का मौका मिलेगा। एक घंटे के वेबिनार में सीएम ने ईत्र, ईंट, ताला सहित अन्य उद्योगों की समस्याएं सुनी लेकिन कालीन उद्योग पर कोई चर्चा नहीं हो सकी। कारोबारी उमेश गुप्ता ने बताया कि उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया गया। उद्यमियों ने सुझाव दिया कि प्रदेश के जिन उत्पादों की जरूरत है, उन उद्यमियों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। निर्यातक संजय गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उद्योग में लागू नियमों के सरलीकरण का भरोसा दिलाया है लेकिन कालीन पर कोई बात नहीं की।