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पुस्तकालय में एक करोड़ की किताबें नष्ट

शिक्षा जीवन की अमूल्य निधि है तो पुस्तकें उसकी दाता। इस ब

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 06:49 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 06:49 PM (IST)
पुस्तकालय में एक करोड़ की किताबें नष्ट
पुस्तकालय में एक करोड़ की किताबें नष्ट

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : शिक्षा जीवन की अमूल्य निधि है, तो पुस्तकें उसकी दाता। इस बात को सभी जानते, समझते व आत्मसात भी करते हैं बावजूद इसके शासन-प्रशासन की अनदेखी कहें या फिर कुछ और ज्ञान का भंडार मानी जाने वाली पुस्तकें काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पुस्तकालय में दीमक व चूहों का ग्रास बन रही हैं। दस वर्ष से अधिक समय से बंद पड़े पुस्तकालय भवन में एक करोड़ रुपये मूल्य की पुस्तकें नष्ट हो गईं। खास बात तो यह है कि पुस्तकालय भवन का चार्ज लेने से भी शिक्षक कन्नी काट रहे हैं तो छात्रों से जबरिया पुस्तकालय शुल्क के नाम वसूली की जा रही है।

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आजादी के बाद उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 1951 में स्थापित काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर विद्यालय ज्ञानपुर को पूरे प्रदेश में आदर्श महाविद्यालय की ²ष्टि से देखा जाता था। महाविद्यालय में मौजूदा समय में कुल 32 विषयों की सुविधा उपलब्ध है। पुस्तकालय का हाल देखा जाए तो लगता है कि कहीं न कहीं यह महाविद्यालय शासन-प्रशासन की उपेक्षा का शिकार हो गया है। करीब एक लाख पुस्तकों से सुसज्जित पुस्तकालय में 10 साल से अधिक समय से ताला लटका हुआ है। महाविद्यालय में अध्ययनरत आठ हजार से अधिक विद्यार्थियों को उनका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। बल्कि उन्हें दीमक व चूहे कुतरते जा रहे हैं। लाइब्रेरियन की तैनाती न होने से यह दिक्कत हो रही है। खास बात तो यह है कि पुस्तकालय का चार्ज भी कोई लेने वाला नहीं है। ऐसा नहीं है कि पुस्तकालय खोलवाने के लिए प्रयास न किए गए हों। समय-समय पर छात्र-छात्राओं द्वारा जहां धरना-प्रदर्शन व अनशन किए गए तो महाविद्यालय प्रशासन की ओर से मामले से संबंधित उच्चाधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को अवगत भी कराया गया। इसके बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जर्जर होता जा रहा पुस्तकालय भवन

- कानरा महाविद्यालय के जिस ऐतिहासिक खुर्शीद भवन में पुस्तकालय स्थापित किया गया है, उसकी भी दशा जर्जर होती जा रही है। कई स्थानों से तो अंदर पानी भी पहुंच जा रहा है। इससे पुस्तकों के अंदर ही अंदर भीगकर सड़ चुकी हैं। जर्जर होते देख खुर्शीद मंजिल में चल रही क्लास को भी बंद कर दिया गया है। - पुस्तकालय संचालित करने के लिए न तो लाइब्रेरियन की तैनाती है न ही एक भी कर्मचारी की। ऐसे में पुस्तकालय नहीं खुल पा रहा है। महाविद्यालय से लाइब्रेरियन व अन्य कर्मचारियों की तैनाती के लिए कई बार प्रस्ताव शासन व उच्चाधिकारियों को भेजा जा चुका है।

- डा. पीएन डोंगरे, प्राचार्य : काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय।


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