भागवत कथा श्रवण से दूर होते हैं कष्ट
जागरण संवाददाता, जंगीगंज (भदोही) : कथा श्रवण व श्लोक का वाचन करने से समस्त कष्टों से छुटकारा मिल जात
जागरण संवाददाता, जंगीगंज (भदोही) : कथा श्रवण व श्लोक का वाचन करने से समस्त कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। डीघ विकास खंड के जगापुर पड़ान गांव में चल रहे श्रीमदभावत पुराण कथा गुरुवार को कथावाचक पुरोहित पं मृत्युंजय शुक्ला ने यह बातें कहीं। उन्होंने श्रीमद भागवत कथा के महात्म्य पर प्रकाश डाला। कहा कि गोलोक छोड़ने से पहलें भगवान श्रीकृष्ण ने अपने स्वरूप को इसी श्रीमद़भागवत गीता में निहित कर दिया था।
पंडित मृत्युंजय ने कहा कि 17 पुराणों को लिखने के बाद भगवान वेदव्य व्यास को जब संतुष्टि नहीं मिली तो उन्होने अठारहवें पुराण के रूप में श्रीमदभागवत पुराण की रचना की। गोलोक जाने से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अपने स्वरूप को इसी में निहित कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जहां कहीं भी कथा हो रही हो अवश्य रूप से पहुंचकर रसपान करना चाहिए। कथा में तारकेश्वरनाथ पांडेय सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।