Move to Jagran APP

भागवत कथा श्रवण से दूर होते हैं कष्ट

जागरण संवाददाता, जंगीगंज (भदोही) : कथा श्रवण व श्लोक का वाचन करने से समस्त कष्टों से छुटकारा मिल जात

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 04:10 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 04:10 PM (IST)
भागवत कथा श्रवण से दूर होते हैं कष्ट
भागवत कथा श्रवण से दूर होते हैं कष्ट

जागरण संवाददाता, जंगीगंज (भदोही) : कथा श्रवण व श्लोक का वाचन करने से समस्त कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। डीघ विकास खंड के जगापुर पड़ान गांव में चल रहे श्रीमदभावत पुराण कथा गुरुवार को कथावाचक पुरोहित पं मृत्युंजय शुक्ला ने यह बातें कहीं। उन्होंने श्रीमद भागवत कथा के महात्म्य पर प्रकाश डाला। कहा कि गोलोक छोड़ने से पहलें भगवान श्रीकृष्ण ने अपने स्वरूप को इसी श्रीमद़भागवत गीता में निहित कर दिया था।

loksabha election banner

पंडित मृत्युंजय ने कहा कि 17 पुराणों को लिखने के बाद भगवान वेदव्य व्यास को जब संतुष्टि नहीं मिली तो उन्होने अठारहवें पुराण के रूप में श्रीमदभागवत पुराण की रचना की। गोलोक जाने से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अपने स्वरूप को इसी में निहित कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जहां कहीं भी कथा हो रही हो अवश्य रूप से पहुंचकर रसपान करना चाहिए। कथा में तारकेश्वरनाथ पांडेय सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.