बीडीओ औराई ने सूचना देने से खड़े किए हाथ
विभागों से मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने में बेखौफ होकर अधिकारी कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। सूचना देने में अधिकारियों के बहानेबाजी से सूचना प्राप्त करने में आवेदकों का पसीना छूट रहा है। स्थिति यह है कि आरटीआइ आवेदन का सही जवाब न देकर किसी न किसी बहाने सूचना देने से इंकार कर दिया जाता है। खंड विकास अधिकारी औराई ने गांवों में तैनात सेक्रेटरी की तैनाती की जानकारी देने से हाथ खड़ा कर दिया। जिससे आवेदकों को सूचना हासिल करने में पसीना छूट रहा है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : विभागों से मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने में बेखौफ होकर अधिकारी कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। सूचना देने में अधिकारियों की बहानेबाजी से सूचना प्राप्त करने में आवेदकों का पसीना छूट रहा है। स्थिति यह है कि आरटीआइ आवेदन का सही जवाब न देकर किसी न किसी बहाने सूचना देने से इन्कार कर दिया जाता है। खंड विकास अधिकारी औराई ने गांवों में तैनात सेक्रेटरी की तैनाती की जानकारी देने से हाथ खड़ा कर दिया।
दरसअल, सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदकों को सूचना उपलब्ध कराने में भले ही अधिकतम तीस दिन की समयावधि निर्धारित की गई है। लेकिन आवेदकों की सहूलियत और समय से सूचना मिलने की मंशा से निर्धारित किए गए समयावधि का पालन विभागीय अधिकारी नहीं कर रहे हैं। जिससे आवेदक भागदौड़ और अनावश्यक खर्च करने को लाचार हैं। सूचना देने के लिए निर्धारित समय व्यतीत होने के बाद भी कोई न कोई बहाना कर जवाब देने में बहानेबाजी की जा रही है।
जनपद के संसारापुर गांव निवासी आरटीआइ आवेदक विभूति नारायण दुबे ने अधिनियम के तहत खंड विकास अधिकारी से ब्लाक क्षेत्र के गांवों में तैनात ग्राम पंचायत और ग्राम विकास अधिकारियों का नाम पता और शैक्षिक योग्यता की जानकारी मांगी थी। मांगी गई जानकारी के जवाब में बीडीओ औराई श्यामजी की ओर से चौंकाने वाला जवाब दिया गया। पत्र दिनांक 13 नवंबर पर गौर करें तो जवाब में कहा गया है कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी से संबंधित व्यक्तिगत सूचना की मांग जनसूचना के अंतर्गत स्वीकार नहीं है। अब सवाल यह है कि गांवों के विकास के जिम्मेदार सेक्रेटरी की तैनाती से जुड़ी सूचना किस आधार पर व्यक्तिगत कही जा रही है यह समझ परे है। जबकि आवेदक का कहना है कि मांगी गई जानकारी आरटीआइ अधिनियम के प्रावधानों से किसी भी तरह से छूट की श्रेणी में नहीं आता। सूचना प्राप्त न होने पर राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर दी गई है।