Move to Jagran APP

कलाकारों ने किया लीलाओं का मंचन, डटे रहे दर्शक

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) भदोही नगर सहित जिले के विभिन्न स्थानों पर चल रही रामलील

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 09:28 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 09:28 PM (IST)
कलाकारों ने किया लीलाओं का मंचन, डटे रहे दर्शक
कलाकारों ने किया लीलाओं का मंचन, डटे रहे दर्शक

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : भदोही नगर सहित जिले के विभिन्न स्थानों पर चल रही रामलीला में अलग-अलग लीलाओं का मंचन किया। कलाकारों ने कहीं राम वनवास तो कहीं कहीं राम सुग्रीव मित्रता, लंका दहन की लीला का उत्कृष्ट मंचन किया। रामलीला स्थल पर देर रात तक दर्शक डटे रहे। लीला का आनंद उठाते हुए जयकारा लगाते रहे। जयघोष व ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर गूंजते पाठ व भक्ति गीतों से पूरा जिला राममय बना रहा।

loksabha election banner

-----------

कैकेयी ने मांगा भरत को राजगद्दी, राम को वनवास

ऊंज (भदोही) : क्षेत्र में कुरमैचा गांव में चल रही रामलीला में सोमवार की रात कैकेयी-दशरथ संवाद, राम वनगमन की लीला का मंचन किया गया। एक ओर अयोध्या में श्रीराम के राज्याभिषेक की तैयारी चल रही थी। इसी बीच कैकेयी ने महाराज दशरथ को उनके द्वारा दिए गए वचन की याद दिलाते हुए भरत के लिए राजगद्दी व राम के लिए 14 वर्ष वनवास की मांग कर डाली। श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास की मांग सुनकर व मूर्छित होकर गिर जाते हैं। कैकेयी के अडिग रहने पर वह राम को वनवास जाने को कहते हैं। पिता की आज्ञा मानकर व लक्ष्मण व सीता सहित वन को प्रस्थान कर जाते हैं। इसके साथ ही अन्य लीलाओं का मंचन किया गया। इसी तरह क्षेत्र के सेमराध, बरईपुर बिछियां, नवधन, सोनैचा आदि गांवों में रामलीला मंचन में जुटे दर्शक जयकारा लगाते रहे।

----------

हनुमान ने जला डाली रावण की लंका

खमरिया (भदोही) : क्षेत्र के अमीरपट्टी गांव में सोमवार की रात सीता खोज, लंका दहन की लीला का मंचन किया गया। प्रभु श्रीराम मातेश्वरी सीता को खोजते पंपापुर पहुंचते हैं। जहां उनकी मित्रता वानरराज सुग्रीव से होती है। प्रभु श्रीराम सुग्रीव से किस्किधा छोड़ कर इस पर्वत पर रहने की जानकारी प्राप्त करते हैं। सुग्रीव और बाली का घनघोर युद्ध होता है। प्रभु श्रीराम बालि का वध कर देते हैं। सुग्रीव की सेना सीता का पता लगाने के लिए चारों दिशाओं में निकल पड़ती है। हनुमान सौ योजन समुद्र पार कर निशाचरों से सामना करते हुए लंका पहुंच जाते हैं। लंका में उनकी मुलाकात भक्तराज विभीषण से हो जाती है। भक्त विभीषण उन्हें मातेश्वरी सीता का पता बताते हैं। हनुमान अशोक वाटिका पहुंचकर सीता को अपना परिचय देते हैं। वह कुछ खाने की इच्छा जताते हैं। माता की आज्ञा पर वह अशोक वाटिका में फल खाने के साथ वाटिका को उजाड़ने लगते हैं। इस दौरान वह अक्षय कुमार सहित कई योद्धाओं का वध कर देते हैं। तब मेघनाद उन्हें बंदी बनाकर रावण के दरबार में लाता है। जहां हनुमान की पूंछ में आग लगी दी जाती है। इसके बाद उसी आग से वह सोने की लंका जला डालते हैं। यहां मंचन समाप्त हो जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.