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गंगा की गोद में मुस्कुराई कला व संस्कृति

सीता समाहित सीतामढ़ी में गंगा यात्रा को लेकर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। गंगा की गोद में भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर आधारित एक से बढ़कर एक कार्यक्रमों को पेश कर छात्राओं ने मनमोह लिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 09:22 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 09:22 PM (IST)
गंगा की गोद में मुस्कुराई कला व संस्कृति
गंगा की गोद में मुस्कुराई कला व संस्कृति

जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी (भदोही) : सीता समाहित सीतामढ़ी में गंगा यात्रा को लेकर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। गंगा की गोद में भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर आधारित एक से बढ़कर एक कार्यक्रमों को पेश कर छात्राओं ने मन मोह लिया। आकर्षक पंडाल में विभागों के स्टाल सजे हुए थे। इस दौरान आने वाले लोगों को जागरूक किया जा रहा था।

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जनपद सीमा डेरवां से निकली गंगा यात्रा को लेकर सीतामढ़ी में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान परिषदीय, माध्यमिक शिक्षा विभाग की स्कूलों के साथ ही साथ प्राइवेट स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। बच्चों ने आकर्षक झांकी निकाल कर गंगा को निर्मल रखने के लिए जहां प्रेरित कर रहे थे तो वहीं एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। श्रम विभाग, पंचायतीराज विभाग, आइसीडीएस और स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य के स्टाल भी लगाए गए थे। स्टाल पर योजनाओं की जानकारी दी जा रही थी। लोग स्टाल पर योजनाओं की जानकारी लेने में जुटे रहे। वन और उद्यान विभाग ने बांटे फलदार पौधे

गंगा यात्रा के दौरान तटवर्ती गांवों में वन और उद्यान विभाग के लोगों ने फलदार पौधे भी बांटे। साथ ही इसे रोपित कर संरक्षण करने के लिए प्रेरित किया। नमामि गंगा योजना के तहत सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे कि पर्यावरण संरक्षण के लिए तटवर्ती क्षेत्रों में चौपाल लगाकर फलदार पौधे भी रोपित किराए जाएं। वन विभाग और उद्यान विभाग के अधिकारी चिन्हित लोगों में पौधा वितरित किया। तटवर्ती गांवों में सजा अखाड़ा

गंगा को निर्मल बनाए रखने लिए प्राकृतिक धरोहर को सहेजना नितांत आवश्यक है। इसके तहत तटवर्ती सभी गांवों में गंगा तालाब और अखाड़ा विकासित करने के लिए कहा गया था। गंगा यात्रा के दौरान क्रीड़ा विभाग की ओर से हर गांव में अखाड़ा तैयार कराया गया था। अखाड़े में लोग जोर-आजमाइश में जुटे रहे। आस-पास के पहलवान एक से बढ़कर एक दांव चलकर चित करते देखे गए।


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