कवनउ कारण पता नाहीं चलत बा आखिर अइसन काहे भवा
कोतवाली क्षेत्र के धसकरी गांव निवासी सिकंदर पाल फिलहाल खतरे से बाहर है लेकिन परिजनों में घटना को लेकर दहशत व्याप्त है। शनिवार की भोर सिकंदर पर हुआ प्राणघातक हमला पाल परिवार के लिए अबूझ पहेली बना हुआ है। उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि सिकंदर को जला कर मारने का प्रयास क्यों किया गया। उधर गिरफ्तार तीनों आरोपियों को रविवार को पुलिस ने जेल रवाना कर दिया। बताते चलें कि उक्त गांव निवासी 17 वर्षीय सिकंदर पाल पर शनिवार की भोर में उस समय पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई थी जब वह नित्य क्रिया के लिए घर से बाहर निकला था।
जागरण संवाददाता, भदोही : हर समय चहल-पहल रहने वाले धसकरी गांव में पसरा था सन्नाटा। कहीं चार लोग तो कहीं पर दो लोग, आपस में फुसफुसाते और फिर कोई पहुंच जाता तो धीरे से खिसक लेते। धसकरी गांव में पेट्रोल छिड़ककर जिदा जलाने की घटना के दूसरे दिन रविवार को कुछ इसी तरह का दृश्य देखने को मिला। घटना को लेकर जब कोई सवाल करता तो जवाब यही होता कि भइया कवनउ कारण पता नाहीं चलत बा आखिर अइसन काहे भवा। सही-सही त सिकंदर जब अस्पताल से ठीक होइ क आए तबइ पता चले।
कोतवाली पुलिस का खौफ गायब होता दिख रहे हैं। दुस्सासिक तरीके से कभी तेजाब तो कभी पेट्रोल से जिदा जलाने की कोशिश की जा रही है। छनकर आए तथ्यों को देखा जाए तो पुलिस समय रहते कार्रवाई कर देती तो यह स्थिति उत्पन्न न होती। किशोरी मामले में भी परिवार के लोग पुलिस से शिकायत किए थे लेकिन समय रहते कार्रवाई नहीं की। इस घटना में भी संतोष पाल ने बाइक जलाने की शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन आरोपितों के खिलाफ समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की। जांच करने पुलिस घर पहुंच भी जाती तो आरोपित दहशत में होते। घटना को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। परिवार वालों का कहना है कि उनकी किसी से दुश्मनी नहीं थी। इतना जरूर है कि कुछ लोग उनकी तरक्की व खुशहाली से जलन रखते हैं। इसी कारण से घटना को अंजाम दिया गया। पीड़ित परिवार के लोगों की बात भी समझ के परे है। ऐसे में कोई इस तरह का गंभीर वारदात नहीं करता है। हरिनाथ पाल, अशोक पाल व संतोष पाल मुंबई सहित अन्य महानगरों में रहते हैं। विदेश में रहने वाले सिकंदर के चाचा संतोष इन दिनों घर आए हुए हैं। उधर पुलिस ने तीनों आरोपितों को जेल भेज दिया। शहर कोतवाल श्रीकांत राय का कहना है कि घटना के सभी बिदुओं की जांच की जा रही है।