एआइएमआइएम जिलाध्यक्ष सहित तीन उपद्रवियों की अर्जी खारिज
नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ भदोही में हुए उपद्रव के आरोपितों को राहत मिलता नहीं दिख रहा है। जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने रासुका के आरोपित एआइएमआइ के जिलाध्यक्ष सहित तीनों के प्रत्यावेदन को निरस्त कर दिया गया है।
जागरण संवाद, भदोही: नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ भदोही में हुए उपद्रव के आरोपितों को राहत मिलता नहीं दिख रहा है। जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने रासुका के आरोपित एआइएमआइ के जिलाध्यक्ष सहित तीनों के प्रत्यावेदन को निरस्त कर दिया गया है। मामले में पुलिस की रिपोर्ट व अन्य बिदुओं पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया। अब मामले की सुनवाई एडवाइजरी बोर्ड में होगी। इस कार्रवाई से आरोपितों को तगड़ा झटका लगा है।
सीएए के खिलाफ भदोही में 20 दिसंबर को बवाल कर दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने 39 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। जिसमें 24 को शांति भंग और 15 को संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। सत्र न्यायालय ने सभी आरोपितों की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली थी। इसी बीच पुलिस ने 13 जनवरी को एआइएमआइएम के जिलाध्यक्ष तनवीर हयात खां, यूथ जिलाध्यक्ष ताबिश आर्यन, सभासद पति सायम वासिक उर्फ खुर्रम अंसारी के खिलाफ रासुका की कार्रवाई कर दी। रासुका के आरोपितों ने जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रत्यावेदन किया था। इस संबंध में पुलिस की रिपोर्ट व अन्य साक्ष्यों पर विचार करने के बाद जिला मजिस्ट्रेट ने प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया। शहर कोतवाल श्रीकांत राय ने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रत्यावेदन खारिज कर दिया गया। बताया कि अब मामला एडवाइजरी बोर्ड के पास चला गया है। 27 नामजद व 200 अज्ञात के खिलाफ दर्ज है मुकदमा
भदोही में हुई घटना में पुलिस ने 20 जनवरी की देर रात 27 नामजद व 200 अज्ञात के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इसके अलावा 59 उपद्रवियों की फोटो युक्त पोस्टर भी जगह-जगह लगवाया गया है। इसमें 25 लोगों को चिहित भी किया जा चुका है। पुलिस फरार चल रहे आरोपितों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई करने में जुटी हुई है।