ग्राहकों से छल --- तेल कंपनियों के बहाने चूना लगाने में जुटे एजेंसी संचालक
अलग-अलग तेल कंपनियों का अलग-अलग गाइडलाइन है। कैश एंड कैरी के लिए पहले कराई गई बुकिग को निरस्त कराने के साथ ही साथ दूसरी रसीद बनवानी होगी आदि-आदि दांव-पेंच की बात कर एजेंसी संचालक इतना ग्राहकों को उलझा दे रहे हैं कि वह कैश एंड कैरी को भूल जा रहे हैं। बेचारे ग्राहक भी सब कुछ जानते हुए भी पचड़े में नहीं पड़ना चाहते हैं।
तेल कंपनियों की अलग-अलग गाइडलाइन है। कैश एंड कैरी के लिए पहले कराई गई बुकिग को निरस्त कराने के साथ ही साथ दूसरी रसीद बनवानी होगी आदि-आदि दांव-पेंच की बात कर एजेंसी संचालक इतना ग्राहकों को उलझा दे रहे हैं कि वह कैश एंड कैरी को भूल जा रहे हैं। बेचारे ग्राहक भी सब कुछ जानते हुए भी पचड़े में नहीं पड़ना चाहते हैं। एजेंसी संचालक भी ग्राहकों को कैश एंड कैरी वापस नहीं करना चाहते हैं। इसमें तेल कंपनियों और जिला स्तरीय अधिकारियों की अहम भूमिका है। वह सब कुछ जानते हुए भी एजेंसी संचालकों को सरंक्षण देने से बाज नहीं आ रहे हैं।
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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही): दैनिक जागरण की ग्राहकों से छल अभियान से जागरूक ग्राहक भी गैस एजेंसियों के दांव के सामने समर्पण होते दिख रहे हैं। हम नहीं सुधरेंगे की कसम खा चुके संचालक मनमानी करने पर उतारू हैं। गोदामों एवं एजेंसियों पर कैश एंड कैरी को लेकर आए दिन किचकिच हो रहा है। ग्राहकों से मारपीट करने पर अमादा हैं और अधिक वसूली भी बेधड़क कर रहे हैं।
जिले के अलग- अलग क्षेत्रों में स्थित तेल कंपनियों के एजेंसी संचालक होम डिलीवरी नहीं करते हैं। डिलीवरी करते भी हैं तो वजन का भी भरोसा नहीं रहता है। जिस ग्राहक का सिलेंडर एक माह चलता था वह होम डिलीवरी करने वाले ट्राली मैन से ले लिया तो 25 दिन में ही खत्म हो जा रहा है। एजेंसी संचालकों के मनमानी से ग्राहक पूरी तरह पश्त हो चुके हैं। अधिकारी भी उनकी सुनने वाले नहीं है। गोपीगंज, ऊंज, ज्ञानपुर, भदोही, सुरियावां, औराई, चौरी आदि क्षेत्रों में संचालित एजेंसी ग्राहकों को कैश एंड कैरी नहीं दे रहे हैं। जागरूक ग्राहक यदि कैश एंड कैरी की बात भी कर रहे हैं तो उनसे बताया जा रहा है कि तेल कंपनियों के नियमों का पालन करना होगा। इतना दांव-पेंच बता दे रहे हैं कि ग्राहक भी चुप्पी साध ले रहे हैं। तेल कंपनियों के अधिकारी भी पूरी तरह एजेंसी संचालकों के जाल में फंस चुके हैं।
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पब्लिक की पीड़ा
होम डिलीवरी करने आते भी हैं तो गैस का वजन कम रहता है। इसलिए गोदाम पर सिलेंडर लेने के लिए जाते हैं लेकिन एजेंसी के कर्मचारी डिलीवरी चार्ज तो लेते ही उससे भी 20 रुपये अधिक लेते हैं।
चित्र.13. राजेश सिंह।
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कैश एंड कैरी के संबंध में तो कुछ जानते भी नहीं थे। इस संबंध में एजेंसी संचालक कभी बताते भी नहीं थे। दैनिक जागरण पढ़ने के बाद इसकी जानकारी हुई। एजेंसी पर कर्मचारी से वापस करने को कहा लेकिन वह मालिक से बात करने की बात कर इनकार कर दिया।
चित्र.14. सोनू पांडेय।
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एजेंसी संचालक एक भी मानने को तैयार नहीं हैं। कम वजन और अधिक वसूली कर रहे हैं। उनके खिलाफ प्रशासन को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
चित्र.15. राजेश सोनकर।
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होम डिलीवरी करते हैं लेकिन ट्राली मैन द्वारा इसका चार्ज अलग से लिया जाता है। इसका विरोध किया तो वह सिलेंडर देने से ही इनकार कर दिया।
चित्र.16. शकील खान दादा।
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एजेंसी संचालक कैश एंड कैरी को कभी भी वापस नहीं करते हैं। ग्राहकों को कई साल से चूना लगा रहे हैं। उनके खिलाफ अधिकारियों को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
चित्र.17. बैजनाथ यादव।
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रिबेट का नाम भी पहली बार दैनिक जागरण में पढ़ा है। इसकी जानकारी न होने से प्रत्येक माह गोदाम पर चूना लगाया जा रहा था। इस बार हर हाल में रिबेट वापस लेकर ही दम लेंगे।
चित्र.18. प्रमोद श्रीवास्तव।
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कई बार घटतौली की शिकायत की लेकिन विभागीय अधिकारी एक भी मानने को तैयार नहीं है। अभियान चलाकर एजेंसी संचालक और उनके ट्राली मैन के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
चित्र.19. चंद्रमोहन पाठक। होम डिलीवरी में घटतौली की शिकायत मिल रही थी। इसलिए गोदाम से ही सिलेंडर लेने के लिए जाते हैं। गोदाम पर तैनात कर्मचारी रिबेट वापस नहीं करते हैं। वापस करने की बात करते हैं तो मारपीट करने के लिए तैयार हो जाते हैं।
चित्र. 20. दीपक तिवारी।
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- आप अभियान से जुड़े सुझाव व्हाट्स एप नंबर पर दे सकते हैं ---- 9415045505