ग्राहकों को फांसकर चूना लगा रहे एजेंसी संचालक
जिस्ट रसोई गैस खत्म होते ही अधिसंख्य ग्राहक गोदामों की ओर रूख कर देते हैं। वह इसलिए कि डोर-टू-डोर
जिस्ट
रसोई गैस खत्म होते ही अधिसंख्य ग्राहक गोदामों की ओर रूख कर देते हैं। वह इसलिए कि डोर-टू-डोर डिलीवरी करने वाले वाहन का कोई निश्चित समय नहीं होता है। ग्राहक भी बहुत भोले-भाले होते हैं। उन्हें 10 रुपये अधिक भले ही देना पड़ जाए लेकिन काम होने से मतलब रहता है। रिबेट अथवा कैश एवं कैरी किस वस्तु का नाम है उन्हें क्या पता है। यदि वह जानने की कोशिश भी किया तो एजेंसी संचालक उसे इस तरह की व्यवस्था बताने लगते हैं कि वह अपना काम निकालने का जुगाड़ खोजने लगता है। आलम यह है कि रिबेट देने की तो बात ही छोड़िए, ग्राहकों को झांसा देकर 10 से 20 रुपये अधिक की वसूली कर ली जाती है। हालांकि एलपीजी एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अरुण मिश्र का दावा है कि यदि र्किमयों द्वारा अधिक पैसा मांगा जा रह है तो ग्राहक सीधे शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : जिले में इंडेन, भारत व हिदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी की एजेंसियों पर ग्राहकों को झांसा देने का खेल कई वर्षों से चल रहा था। बात सात साल पहले की करें तो ग्राहकों की लंबी कतार लग रही थी तो भोर में ही उठकर ग्राहक एजेंसियों के गोदामों पर डेरा डाल देते थे। आनलाइन बुकिग की सुविधा होते ही इस समस्या से निजात तो मिली लेकिन एजेंसी संचालकों ने ग्राहकों को ऐसा उलझाया कि प्रत्येक ग्राहक को प्रति सिलेंडर पर 40 रुपये का चूना लगा रहे हैं। ज्ञानपुर नगर की बात करें तो यहां पर प्रति सिलेंडर 907 रुपये की दर निर्धारित है। रिबेट देने के बजाए उपभोक्ताओं से अधिक दाम लिए जा रहे हैं। उपभोक्ता ठगा जा रहा है और जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी तमाशबीन बने हुए हैं।
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यहां करें शिकायत:
गैस एजेंसियों पर यदि आपसे निर्धारित मूल्य से अधिक लिया जा रहा है। गोदाम पर सिलेंडर लेने गए हैं और निर्धारित कैश एवं कैरी अर्थात रिबेट नहीं मिल रहा है तो टोल फ्री नंबर 18002333555 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा जिला पूíत अधिकारी के मोबाइल फोन नंबर 7839564745 के अलावा उमा गैस एजेंसी के संचालक अरुण मिश्र के मोबाइल फोन नंबर 9415268562 पर फोन कर शिकायत कर सकते हैं।
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बोले एजेंसी संचालक
डोर-टू-डोर डिलीवरी की जाती है। आवश्यक आवश्यकता पर ग्राहक खुद गोदाम पर पहुंच जाते हैं तो उन्हें डिलवरी कर दी जाती है। यदि गोदाम पर सिलेंडर की डिलीवरी हो रही है तो रिबेट मिलना चाहिए। इसके साथ ही यदि कर्मचारियों द्वारा कहीं पर भी अधिक वसूली की जा रही है तो वह तत्काल शिकायत दर्ज कराएं। ग्राहक पर्ची लेकर ही निर्धारित मूल्य का भुगतान करें। अब तक कंपनी ने साफ्टवेयर ही अपडेट कर दिया है। ग्राहकों द्वारा बुकिग कराने पर ही पर्ची निकलेगी। एजेंसी संचालक किसी भी दशा में पर्ची नहीं निकाल सकते हैं।
चित्र.41..अरुण मिश्र, उमा गैस एजेंसी संचालक एवं जिला अध्यक्ष एलपीजी गैस एसोसिएशन।
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बोले उपभोक्ता
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गोदामों पर सिलेंडर लेने पर रिबेट मिलता है, इसकी तो जानकारी ही नहीं थी। जागरण में प्रकाशित खबर के बाद इसको लेकर हम सजग हुए हैं। एजेंसी की ओर से रिबेट की जानकारी नहीं दी गई।
-चित्र.13. हमीदुल्लाह।
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अभी तक गोदाम से ही अपने खर्चे पर सिलेंडर लाते हैं। एजेंसी की ओर से न तो कभी इसकी जानकारी ही दी गई, और न ही रिबेट दिया गया। प्रत्येक माह संचालक 20 से 30 रूपये चूना लगाया जा रहा है।
- चित्र.14..चंदन।
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एजेंसी संचालकों के इशारे पर कर्मचारी निर्धारित मूल्य से अधिक वसूला जाता है। अधिकारियों से भी कई बार शिकायत की गई लेकिन एजेंसी संचालकों की मनमर्जी के सामने उनकी एक नहीं चलती है। अभियान चलाकर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
- चित्र.15.शिवाकांत।
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गैस सिलेंडर का वजन कम होने की आशंका के चलते गोदाम पर ही डिलवरी लेते हैं। निर्धारित रिबेट का लाभ एजेंसी संचालक कभी नहीं देते हैं बल्कि 10 से 20 रुपये अधिक लेते भी हैं।
- चित्र.16..मनोज कुमार।
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गैस एजेंसी पर नियमित छापेमारी होनी चाहिए। सिलेंडर घर पर आए या गोदाम से हम लाएं 20 रुपये अतिरिक्त लेते हैं। यह अतिरिक्त सेवा शुल्क एजेंसी वाले वसूल कर अपनी जेब भर रहे हैं।
- चित्र.17..रोशन जायसवाल।
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गैस सिलेंडर में छूट की तो दूर की बात है उल्टे निर्धारित मूल्य से भी अधिक मूल्य लिया जाता है। ग्राहकों की जेब खाली कर मोटी कमाई कर रहे एजेंसी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई न होने से मनमानी पर विराम नहीं लग रहा है।
- चित्र.18.मुन्नालाल।
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जब निर्धारित मूल्य में ही भाड़े की राशि शामिल है तो वेंडर आखिरकार अधिक पैसा क्यों लेते हैं। ऐसे वेंडरों या उनके एजेंसी पर तो कार्रवाई होनी चाहिए।
चित्र.19. प्रमोद कुमार।
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हम हमेशा गोदाम से ही गैस सिलेंडर ले जाते हैं, लेकिन कभी भी कोई रीबेट नहीं मिला। एजेंसी वाले इसकी जानकारी भी नहीं देते हैं। इससे उपभोक्ता कैश एंड कैरी रीबेट से वंचित रह जाते हैं।
चित्र.20.. रामबाबू।
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