एफआइआर से पलटा प्रशासन, लापरवाही दबाने की कोशिश
औराई में निर्माणाधीन रोडवेज बस स्टेशन के निर्माण में विध्याचल मंडल के मंडलायुक्त कमिश्नर ने ठेकेदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने जबकि निर्माण एजेंसी के इंजीनियर को निलंबित करने के लिए कहा था।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : औराई में निर्माणाधीन रोडवेज बस स्टेशन के निर्माण में विध्याचल मंडल के मंडलायुक्त ने ठेकेदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने जबकि निर्माण एजेंसी के इंजीनियर को निलंबित करने के लिए कहा था। 24 घंटे बाद ही यह आदेश हवा हवाई हो गया है। अब डीएम का दो टुक कहना है कि लापरवाही तो हुई है, लेकिन एफआरआइ की बात धमकाने की मंशा से कही गई थी। मामले में प्रशासन जिम्मेदारों को बचाने की कोशिश में जुटा हुआ है। टीएसी जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
मंडलायुक्त दो दिवसीय जनपद भ्रमण पर आए थे। वह अधिकारियों को जहां आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए तो वहीं अव्यवस्था को लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी करने को कहा। भवानीपुर चौपाल के बाद वह औराई में निर्माणाधीन रोडवेज बस अड्डा को देखने धमक पड़े थे। मंडलायुक्त के निरीक्षण में निर्माण में व्यापक स्थल पर धांधली मिली थी। उन्होंने समाज कल्याण निगम के इंजीनियर को निलंबित करने करने के साथ ही साथ संबंधित ठेकेदार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा था। 24 घंटे बीत गए लेकिन एफआइआर कराने का निर्देश हवाहवाई साबित हुआ। जिला प्रशासन एफआइआर कराने से मुकर गया। अब वह टीएसी जांच रिपोर्ट आने की बात कहने लगे हैं। जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि मंडलायुक्त के निर्देश पर गठित टीम जांच कर रिपोर्ट देगी। इसके पश्चात कार्रवाई की जाएगी।
---------------
आखिर क्यों मुकर रहे अफसर
रोडवेज बस अड्डा निर्माण में की जा रही धांधली पर ठेकदार के खिलाफ कार्रवाई पर अधिकारी क्यों मुकर गए। इसके पीछे कहानी कुछ और है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि ठेकेदार गाजियाबाद का रहने वाला है। उसका तार सत्तादल के एक माननीय से जुड़ा हुआ है। इस समय माननीय का सूबे में सिक्का चल रहा है। बताया जा रहा है कि खास ठेकेदार को काम सौंपने के लिए दो बार निविदा निरस्त कर दी गई थी। निर्माण एजेंसी ने मैनेज कर किसी तरह निविदा खोली थी।