कोरोना से कालीन उद्योग को 600 करोड़ का झटका
चाइना से निकले कोरोना नामक वायरस ने एक तरफ जहां पूरी दुनियां को गिरफ्त में ले लिया है वहीं पहले से मंदी की मार झेल रहे कालीन उद्योग को बैकफुट पर खडा कर दिया है। एक के बाद एक महत्वपूर्ण कालीन मेलों के आयोजन स्थगित होने के कारण कालीन उद्योग को पांच से 6 सौ करोड का झटका लगा है। इसके अलावा विभिन्न देशों से होने वाला व्यवसाय भी इन दिनों ठप हो गया है। पुराने आर्डर के माल जहां पोर्ट पर डंप पड़े हैं वहीं नए आर्डर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में व्यवसायियों के करोडों रुपये फंसे हुए हैं। उधर स्थिति में जल्दी सुधार की संभावना भी नहीं दिख रही है। निर्यातकों का मानना है कि दो तीन माह तक यही हाल रहा तो कालीन इंडस्ट्री बरबाद हो जाएगी।
जागरण संवाददाता, भदोही : चीन से निकले कोरोना वायरस ने जहां पूरी दुनिया में हलचल मचा रखी है, वहीं पहले से मंदी की मार झेल रहे भदोही के कालीन उद्योग को भी बैकफुट पर ला दिया है। एक के बाद एक महत्वपूर्ण कालीन मेलों का आयोजन स्थगित होने से कालीन उद्योग को करीब 600 करोड़ का झटका लगा है। इसके अलावा विभिन्न देशों से होने वाला व्यवसाय भी ठप हो गया है। पुराने आर्डर के माल जहां पोर्ट मे डंप पड़े हैं, वहीं नए आर्डर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में व्यवसायियों के करोड़ों रुपये फंस गए हैं। उधर स्थिति में जल्द सुधार की संभावना भी नहीं दिख रही है। निर्यातकों का मानना है कि दो-तीन माह तक यही स्थिति बनी रही तो कालीन उद्योग बर्बाद हो जाएगा।
करीब दो माह पहले चीन में पहली बार वजूद में आया कोरोना वायरस देखते ही देखते पूरे विश्व को चपेट में ले लेगा इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। मेलों के रद होने से जहां कालीन उद्योग को तगड़ा झटका लगा है। इसके कारण प्रभावित देशों के नागरिकों का वीजा रद होने से आयात-निर्यात ठप हो चुका है। अकेले कालीन उद्योग की बात की जाए तो आयात-निर्यात ठप होने व जगह-जगह डंप माल से कालीन इंडस्ट्री को अब तक करीब 600 करोड़ की चपत लग चुकी है। मेले से होता है व्यवसाय सृजन
इंडिया कारपेट एक्सपो-20 के जरिए तीन से चार सौ करोड़ के व्यापार सृजन की संभावना जताई जा रही थी, जबकि इसके पहले फरवरी में चीन में होने वाला एशिया डोमोटेक्स भी रद किया जा चुका है। उक्त मेले के माध्यम से डेढ़ से दो सौ करोड़ व्यापार होता था। हांगकांग में आयोजित होने वाला कालीन मेला भी रद है तो फरवरी के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में हैंडीक्राफ्ट काउंसिल द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला हैंडीक्राफ्ट फेयर भी रद हो चुका है। इसी तरह आगामी जून में चीन में आयोजित होने वाले कालीन मेले पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हालात को देखते हुए भी रद किया जा सकता है। प्रतिबंध के दायरे में प्रमुख आयातक देश
कोरोना की दहशत के कारण प्रमुख आयातक देशों के नागरिकों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। वीजा तत्काल प्रभाव से रद कर दिया गया है। इसके कारण एक तरफ जहां कालीन मेले का आयोजन स्थगित करना पड़ा, वहीं रूटीन के व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे हैं। चीन पर पहले से ही रोक लगी थी, जबकि इरान, कोरिया, इटली, जापान सहित कई आयातक देश प्रतिबंध के दायरे में हैं। फिलहाल अमेरिका ने भी यूरोपीय देशों के नागरिकों के आवागमन पर रोक लगा दी जिससे व्यवसाय पूरी तरह ठप होने की आशंका है। बड़ी कंपनियों की हालत पतली
प्रमुख कालीन निर्यातक संजय कुमार गुप्ता का कहना है कि प्रमुख कालीन मेलों के स्थगित होने से जो नुकसान हुआ वह तो अलग है। रूटीन में व्यवसाय करने वालों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। बताया कि एक माह से विभिन्न बंदरगाहों पर माल डंप पड़े हैं। उनकी डिलेवरी नहीं हो रही है। इसी तरह नए आर्डर भी मिलने संभावना नहीं दिख रही है। बताया कि बड़ी-बड़ी कंपनियों की हालत खराब हो चुकी है। बताया कि अगले एक-दो माह यही हाल रहा तो कालीन इंडस्ट्री को अकल्पनीय क्षति का सामना करना पड़ेगा।