60 फीसदा लुढ़का बिल्डिग सामग्री कारोबार
मुश्किल - बालू व ईंट की कीमतों में भारी वृद्धि सरिया व सीमेंट में राहत - लॉकडाउन ने भ
मुश्किल
- बालू व ईंट की कीमतों में भारी वृद्धि, सरिया व सीमेंट में राहत
- लॉकडाउन ने भवन निर्माण का सपना कर दिया है चकनाचूर
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जासं, भदोही : कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन ने लोगों को आर्थिक रूप से इतना तोड़ दिया कि भवन निर्माण का सपना चकनाचूर हो गया। जेब खाली है वहीं बिल्डिग सामग्री की कीमतों में आग लगी है। इन बीते छह महीने में बालू की कीमतों में भारी उछाल आया है वहीं ईंट भी प्रति हजार 12 सौ रुपये महंगा हुआ है। हालांकि सरिया, गिट्टी व सीमेंट की कीमतों में कुछ ज्यादा चढ़ाव नहीं हुआ है। कारोबारियों की मानें तो लॉकडाउन की अपेक्षा अनलॉक में बिल्डिग मटेरियल की दुकानदारी में 60 फीसद की गिरावट दर्ज हुई है। वे कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान भवन निर्माण कार्य हो रहे थे लेकिन बीते दो माह से ग्राहकों की आमद में कमी आई है। अधिकतर कारोबारी इन दिनों हाथ धरे बैठे हैं।
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सफेद बालू की खरीद हुई मुश्किल
लॉकडाउन से पहले सफेद बालू (महीन) 1500 से 1800 रुपये प्रति ट्रैक्टर था जबकि मोटा बालू 2000 में बिकता था। इन दिनों सफेद (महीन बालू) 2000 से 2500 रुपये व मोटा बालू 3000 रुपये ट्रैक्टर बिक रहा है। हालांकि लाल बालू पहले भी पांच हजार में था और अब भी वही रेट है। इसी तरह ईंट 6000 से 6300 रुपये प्रति हजार के सापेक्ष इन दिनों 7000 से 7500 रुपये हजार बिक रहा है। सरिया व सीमेंट की कीमत में मामूली हेरफेर हुआ है। सरिया 4400 से 4500 रुपये प्रति क्विटल है वहीं छह माह पहले 4600 में बिकता था। इसी तरह सीमेंट की कीमत में प्रति बोरी 10 से 15 रुपये की कमी आई है।
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लॉकडाउन के पहले भवन निर्माण का कार्य जोर शोर से चल रहा था। भट्ठों पर मजदूर भी थे और काम भी। मजदूर पलायन कर गए तो कोयला महंगा हो गया। मजदूरों के लौटने के बाद बारिश ने भी व्यवधान किया। माल तो तैयार हो रहा है लेकिन खरीदार नदारद हैं।
चित्र 24-गया सिंह, ईंट भट्टा संचालक
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लॉकडाउन बाद भी भवन निर्माण का काम प्रभावित नहीं हुआ था। सीमेंट की खरीदारी लोग कर रहे थे, लेकिन इन दिनों ग्राहक 70 फीसद कम हो गये। पहले 200 से 300 बोरी सीमेंट रोज बिकता था लेकिन 8 से 10 बोरी बेचना मुश्किल हो गया है जबकि सीमेंट की कीमत में 10 से 15 रुपये कमी आई है।
चित्र 25 ---- जहांगीर आलम, सीमेंट व्यवसायी
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माल की आवक कम होने से लॉकडाउन की अपेक्षा बालू की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है। ग्राहक भी कम हो गये हैं। दो माह से ग्राहकों की आमद में 50 फीसद कमी आई है। लॉकडाउन के दौरान भी दुकानदारी अच्छी थी।
चित्र 26-जीशान सिद्दीकी, बालू व्यवसायी
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पहले ही अपेक्षा भवन निर्माण कार्य में काफी कमी आई है। मैटेरियल की मांग में 60 फीसद कमी दर्ज की गई है। सरिया की कीमत में प्रति क्विटल सौ से दो सौ रुपये व सीमेंट की कीमत में 10 से 15 रुपये की कमी हुई है। ग्राहक नहीं निकल रहे हैं। इक्का दुक्का ग्राहकों के सहारे कब तक काम चलेगा, कहा नहीं जा सकता।
चित्र 27-मोनू गुप्ता (सरिया व सीमेंट व्यवसायी)