21 हजार वाहन कंडम घोषित, निरस्त होगा पंजीयन
जिले की विभिन्न सड़कों पर 21 हजार खटारा वाहन भी पूरे शान से फर्राटा भर रहे हैं। इन्हें सड़क पर लेकर निकलने वाले चालक न सिर्फ राजस्व की चपत लगा रहे हैं बल्कि अत्यधिक पुराने हो चुके वाहनों के इंजन से निकलने वाला बेहिसाब धुंआ पर्यावरण को प्रदूषित करने में भी बेहद अहम भूमिका निभा रहा हैं। कारण यह है कि इनका पंजीयन फेल हो चुका है।
मुहम्मद इब्राहिम, ज्ञानपुर, भदोही
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भदोही की आबोहवा में यूं ही जहर नहीं घुला। इसके लिए 21 हजार वाहन जिम्मेदार हैं। अब इन्हें कंडम घोषित कर दिया गया है। एआरटीओ ने इन्हें पर्यावरण के लिए खतरा बताया है। मियाद पूरी कर चुके हैं। मनमाना धुआं उगल रहे हैं। इनकी जहरीले धुएं से जिदगी पनाह मांग रही है। एआरटीओ ने इन्हें नोटिस जारी कर दी है। अब इनका पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई शुरू होने जा रही है। विभाग ने चेताया है कि यह वाहन सड़क पर चलने लायक बिल्कुल नहीं हैं। राजस्व को चोट तो पहुंचा ही रहे हैं, साथ में हादसे का सबब बन रहे हैं। इन्हें सीज करने के आदेश हो गए हैं।
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वाहन स्वामियों को दिया अंतिम मौका
पंजीयन फेल हो चुका है। वाहन स्वामी पंजीयन नवीनीकरण कराने नहीं आ रहे हैं, इन्हें अंतिम मौका दिया गया है। समय आ गया है कि विभाग कागजी खानापूर्ति करने के बजाय इनके खिलाफ सीधी कार्रवाई करे।
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पंजीकृत हैं दो लाख वाहन
जिले में 1.51 लाख बाइक सहित कुल दो लाख वाहन पंजीकृत हैं, इसमें बाइक व चार पहिया करीब 21 हजार वाहनों की पंजीयन अवधि सीमा 15 वर्ष पार है, दोबारा पंजीयन का नवीनीकरण कराना पड़ेगा। बिना नवीनीकरण ये अवैध माने जाएंगे।
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चल रहा खेल : पंजीयन अवधि समाप्त होने के बाद तमाम वाहन स्वामियों विशेषकर चार पहिया वाहन मालिकों की ओर से नवीनीकरण के बजाय यह जवाब दे दिया जा रहा है कि उन्होंने वाहन बेच दिया है जबकि वह वाहन को सड़क पर धड़ल्ले के साथ दौड़ाते हुए कमाई करने में जुटे हैं। इस खेल में विभागीय संलिप्तता से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
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यह है कायदा-कानून
नए वाहन की खरीद के बाद होने वाले रजिस्ट्रेशन की अवधि 15 वर्ष तय होती है। वाहन स्वामी को आवेदन कर पंजीयन का नवीनीकरण कराना होता है। पंजीयन नवीनीकरण नहीं कराते तो परिवहन अधिकारी कार्यालय के धारा-53 मोटर यान अधिनियम के तहत पंजीयन चिन्ह निलंबित करने की नोटिस जारी होती है। वाहन स्वामी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। इसके बाद भी उनके न आने पर पंजीयन निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाती है।
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- चुनाव को लेकर व्यस्त हूं। ऐसे वाहन स्वामियों को नोटिस जारी की जा रही है। जिनके पंजीयन फेल हो चुके हैं, उनके पंजीयन को विधिक कार्रवाई करते हुए निरस्त किया जाएगा। - सत्येंद्र कुमार यादव, उप संभागीय परिवहन अधिकारी
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15 हजार दीजिए, वीआइपी बनिए
वाहन पर वीआइपी नंबर अंकित कराने के लिए अब किसी जुगाड़ या सिफारिश का खेल नहीं चलेगा। इसके लिए जेब ढीली करनी होगी। यानी कम से कम 15 हजार रुपये दीजिए, तब वीआईपी नंबर के हकदार बनिये। परिवहन विभाग में वीआइपी नंबरों पर न्यूनतम शुल्क 15 हजार रुपये तय कर दिया है। उप संभागीय परिवहन अधिकारी सत्येंद्र कुमार यादव ने बताया कि वाई सीरीज के नंबर का आवंटन शुरू कर दिया गया है। 0001 से लेकर 0009 तक के नंबर सहित कई अन्य नंबरों को वीआइपी घोषित किया गया है। इसके लिए वाहन स्वामियों को आनलाइन आवेदन करना होगा। एक नंबर के लिए कई आवेदन होने नीलामी प्रक्रिया के जरिए नंबर आवंटित किए जाएंगे। नीलामी में प्रतिभाग के लिए पांच हजार धनराशि अग्रिम जमा करनी होगी। जो सबसे अधिक बोली लगाएगा उसे नंबर आवंटित कर शेष सभी के धनराशि की वापसी कर दी जाएगी। एक ही आवेदन रहने पर भी वीआइपी नंबर के लिए 15 हजार रुपये जमा करना होगा। यानी बोली 15 हजार से ही शुरू होगी।