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अस्पतालों से निकलने वाले कूड़ा निस्तारण को सुझाए तरीके

बस्ती : अस्पतालों से निकलने वाले कूड़ा-कचरा का ठोस प्रबंधन हो, इसके लिए शुक्रवार को यहां विशेषज्ञों न

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 11:36 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 11:36 PM (IST)
अस्पतालों से निकलने वाले कूड़ा निस्तारण को सुझाए तरीके
अस्पतालों से निकलने वाले कूड़ा निस्तारण को सुझाए तरीके

बस्ती : अस्पतालों से निकलने वाले कूड़ा-कचरा का ठोस प्रबंधन हो, इसके लिए शुक्रवार को यहां विशेषज्ञों ने गहन मंथन किया। गांधी नगर स्थित एक होटल में आयोजित कार्यशाला में जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के तौर-तरीके बताए गए।

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चिकित्सा इकाइयों से आए लोगों को बताया गया कि कौन सा कूड़ा, किस डिब्बे में डालना है। बताया 15 फीसद अस्पताल से ही कूड़ा निकलता है,85 फीसद कचरा होता है । दोनों को मिलाना नहीं है, वरना इससे संक्रामक रोग हो सकता है। अलग-अलग रखने की विधि बताई। लाल में प्लास्टिक,नीला में सीसी, पीला में खराब रूई-पट्टी, व सफेद डिब्बे में निडिल कूड़ा डालने हैं। कार्यशाला में आए अधीक्षकों ने बताया कि समय से कूड़ा न उठने से समस्या हो रही, जबकि 48 घंटे में कूड़ा उठा जाना चाहिए।

अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. रंगजी द्विवेदी ने कूड़ा निस्तारण की जानकारी दी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. जेएलएम कुशवाहा ने प्रदूषण बोर्ड के नियम बताए। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. ओपी ¨सह, ओपेक चिकित्सालय के सीएमएस डा. सोमेश कुमार, डिप्टी सीएमओ डा. सीएल कन्नौजिया, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सीके वर्मा, डा. अजय कुमार, आरबीएसके प्रबंधक मनीष मिश्र, डा. सौरभ द्विवेदी, डा. मुश्ताक खान, मयंक दूबे ने विचार रखे। संचालन मंडलीय एनएचएम प्रबंधक अर¨वद पांडेय ने किया। जहां कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं है, वहां जल्द रूम की व्यवस्था करने पर चर्चा हुई।


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