जब टोटी ही सूखी तो आम जन की कैसे बुझे प्यास
परशुरामपुर क्षेत्र में जल निगम के 5 ओवरहेड टैंक बेपानी
बस्ती: जीवन का आधार जल है। यह सभी जानते हैं। स्वच्छ व निर्बाध उपलब्धता के लिए ग्राम्य विकास विभाग ने नीर निर्मल परियोजना चालू की। घनी आबादी वाले गांवों व बाजारों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए उन गांवों को चिह्नित किया गया जहां भूमिगत जलस्तर नीचे चला जाता है। योजना के तहत परशुरामपुर विकास क्षेत्र की पांच ग्राम पंचायतों में जल निगम ने ओवरहेड टैंक स्थापित किया। टंकी तो बन गई पर आज तक जलापूर्ति इन गांवों में शुरू नहीं हो सकी।
वर्ष 2013 में परशुरामपुर के रोहरौली गांव में 1 करोड़ तीन लाख की लागत से 200 किलोलीटर क्षमता का वाटर टैंक बना। 15 किलोमीटर पाइप लाइन बिछायी गयी। कुछ घरों में कनेक्शन देकर टोटियां भी लगा दी गईं। इसी तरह से नंद नगर चौरी,सिकंदरपुर,कोहरायें,जगन्नाथपुर में भी करोड़ों की लागत पानी की टंकियां स्थापित की गईं। इन गांवों में आज तक किसी भी टोटी से पानी नहीं टपका तो आम जन की प्यास कैसे बुझेगी यह अपने आप में बड़ा सवाल है। लोग इंडिया मार्क हैंडपंप अथवा देसी हैंडपंप के सहारे किसी तरह काम चला रहे हैं। चौरी के विनोद गुप्ता, अरविद शुक्ल, राधेश्याम गुप्ता, राजेश सिकंदरपुर के बलराम परमानंद, देवी प्रसाद,लालाराम परशुरामपुर के धर्मेंद्र कुमार, शक्ति जायसवाल,वेदप्रकाश,केबी सिंह ने कहा कि आज तक किसी जिम्मेदार ने यहां जलापूर्ति व्यवस्था चालू कराने की कोई पहल नहीं की।