गेहूं का बाजार भाव चढ़ा, खरीद का ग्राफ गिरा
गेहूं खरीद अभियान अभी मझधार में ही था बाजार भाव ने झटका दे दिया। खुले बाजार में गेहूं की कीमत बढ़कर 1800 रुपये क्विंटल के करीब पहुंच गई है। वहीं समर्थन मूल्य 1840 रुपये है। लेकिन इसमें गुणवत्ता और पंजीकरण का सत्यापन जरुरी है। ऐसे में किसान अपना गेहूं निजी व्यापारियों के हाथ बेचना ज्यादा मुनासिब समझ रहे हैं।
बस्ती : गेहूं खरीद अभियान अभी मझधार में ही था, बाजार भाव ने झटका दे दिया। खुले बाजार में गेहूं की कीमत बढ़कर 1800 रुपये क्विंटल के करीब पहुंच गई है। वहीं समर्थन मूल्य 1840 रुपये है। लेकिन इसमें गुणवत्ता और पंजीकरण का सत्यापन जरुरी है। ऐसे में किसान अपना गेहूं निजी व्यापारियों के हाथ बेचना ज्यादा मुनासिब समझ रहे हैं। बाजार में तत्काल भुगतान मिल रहा है और समय की बचत भी हो रही हैं। फ्लोर मिल और निजी व्यापारी गेहूं खरीद के लिए खुद बाजार में उतरे हैं। बड़े व्यापारियों के एजेंट किसानों के घर तक पहुंच रहे हैं। यह सरकारी अभियान को पीछे धकेल रहा है। तभी मंडल में 60 फीसद गेहूं खरीद का ग्राफ पहुंचा है। शनिवार को मंडी समिति के क्रय केंद्रों पर सन्नाटा छाया रहा। यहां केवल कर्मचारी थे, किसान नहीं।
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बिचौलिए भी कस लिए किनारा
100 क्विटल तक गेहूं खरीद पर किसान पंजीकरण के सत्यापन की अनिवार्यता नहीं है। यह सहूलियत केंद्र प्रभारियों के लिए सोने में सुहागा रहा। इसकी आड़ में गेहूं खरीद जमकर हुई। खरीद का ग्राफ बढ़ाने में बिचौलियों की भूमिका अहम मानी जा रही है। लेकिन अब बाजार भाव चढ़ने से यह खेल बंद होने के कगार पर है। बिचौलिए सरकारी अभियान से किनारा कसने लगे हैं। जब तक गेहूं की कीमत खुले बाजार में 1600 से 1700 रुपये थी। तब तक बिचौलिए सक्रिय पाए गए।
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मंडल अभियान के प्रगति पर एक नजर
क्रय लक्ष्य- 222500 एमटी
खरीदा गया गेहूं- 132500 एमटी
मंडल में सक्रिय केंद्र- 125
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लक्ष्य पूरा होने की संभावना
इस बार भी लक्ष्य पूरा होने की संभावना है। केंद्र प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। बिचौलिए सक्रिय कभी नहीं हो पाए। भुगतान सीधे किसान के खाते में जा रहा है।
श्रीप्रकाश मिश्र, आरएफसी।
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