वार्डेन मंगाती हैं सब्जी, दूध-फल की आपूर्ति नहीं
दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी गुणवत्ता युक्त नहीं
बस्ती : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में सामग्री आपूर्ति में कटौती बंद नहीं हो रही है। यहां अध्ययनरत बालिकाओं को पौष्टिक भोजन नहीं मिल रहा है। हरी ताजी सब्जियां और फलों को मंगाने का जिम्मा वार्डेन पर रहता है।
अक्टूबर से जनपद के 13 कस्तूरबा विद्यालयों में सामग्री आपूर्ति के लिए दो फर्मों को नियुक्त कर दिया गया है। इसके बाद भी आपूर्ति व्यवस्था में सुधार नहीं है। अलबत्ता प्रशासनिक अफसरों की सख्ती से दाल, तेल, आटा, चीनी एवं अन्य राशन की आपूर्ति कुछ हद तक ठीक है। लेकिन पौष्टिक खाद्य पदार्थ अभी भी नहीं पहुंचाए जा रहे हैं। मंगलवार को कस्तूरबा विद्यालय सदर में जागरण टीम पहुंची तो स्थित स्पष्ट हुई। वार्डेन शशि विद्यालय पर मौजूद नहीं थी। रसोई घर में पुराना आलू और राशन कुछ मात्रा में उपलब्ध मिला। रसोइयों ने बताया कि हरी सब्जी, दूध और फल वार्डेन मैडम प्रतिदिन मंगाती है। लेकिन मौके पर यह देखने को नहीं मिला। दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी गुणवत्तायुक्त नहीं दी जा रही है। छात्रा पूजा, साक्षी ने बताया कि उन्हें भोजन में चावल, दाल, रोटी, सब्जी मिली और सुबह नाश्ते में पकौड़ी-केला मिला था। निविदा में बालिकाओं के लिए पौष्टिक आहार खीर, मेवा, रायता, चना, हलुआ आदि की भी व्यवस्था है। कितु इसके लिए जरूरी सामग्रियों की आपूर्ति नहीं हो रही है।
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हाजिरी में भी खेल
सामग्रियों के बिल भुगतान में 90 से 100 फीसद छात्राओं की उपस्थिति हर माह दर्शाई जा रही है। लेकिन अधिकारियों के निरीक्षण में एक-दो विद्यालयों को छोड़ कहीं भी बालिकाओं की इतनी संख्या नहीं मिलती। नजीर के रूप में कस्तूरबा सदर में मंगलवार को पंजीकृत 100 छात्राओं में से 64 छात्राएं मौजूद मिली।
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कस्तूरबा विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए पराग डेयरी से दूध की आपूर्ति कराई जाएगी। सब्जी और फल के लिए वार्डेन को जिम्मेदारी दी गई है।
-रामचंद्र यादव, जिला समन्वयक, बालिका शिक्षा।
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आपूर्तिकर्ता को गुणवत्ता की सख्त हिदायत दी गई है। खाद्य सुरक्षा विभाग समय-समय पर जांच भी करता है। लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई होगी।
अरुण कुमार, बीएसए।