ब्लाक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हुआ मतदान
कप्तानगंज ब्लाक प्रमुख पद की कुर्सी पांच सितंबर तक बची रहेगी। गुरुवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच क्षेत्र पंचायत सदस्यों की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान कराया गया
बस्ती: कप्तानगंज ब्लाक प्रमुख पद की कुर्सी पांच सितंबर तक बची रहेगी। गुरुवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच क्षेत्र पंचायत सदस्यों की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान कराया गया। मतपेटियों को सील कर सुरक्षित रख लिया गया है। दरअसल अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस स्वीकार किए जाने के बाद प्रमुख माधुरी आर्य हाईकोर्ट चली गई। कोर्ट ने इस मामले में पांच सितंबर को सुनवाई की तारीख तय करते हुए मतगणना पर रोक लगा दी है। इस क्रम में तय समय पर मतदान तो हुआ लेकिन, मतगणना रोक दी गई।
क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा गत दो अगस्त को जिलाधिकारी के सामने माधुरी आर्या के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के क्रम में गुरुवार की सुबह 10 बजे से अविश्वास प्रस्ताव पर उप जिलाधिकारी हर्रैया शिव प्रताप शुक्ला की देखरेख में कार्यवाही शुरू हुई। 11 बजे क्षेत्र पंचायत सदस्य सीताराम शास्त्री के नेतृत्व में लगभग 20 क्षेत्र पंचायत सदस्यों का ग्रुप विकास खंड मुख्यालय के सभागार में प्रवेश किया। इसके बाद दर्जन भर महिला क्षेत्र पंचायत सदस्यों का समूह भी प्रक्रिया में हिस्सा लेने पहुंचा। बाद में वर्तमान प्रमुख माधुरी आर्या भी पहुंच गई। कुल 57 में 55 सदस्यों की उपस्थिति के पश्चात सदन में उप जिलाधिकारी ने ब्लाक प्रमुख माधुरी आर्या के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव की बात सदन के सम्मुख प्रस्तुत किया। दोनों पक्ष से हुई चर्चा के बाद यह निर्णय हुआ कि मत विभाजन के बाद ही वस्तु स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। जिस के तुरंत बाद मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई। एक घंटे के अंदर सदन में उपस्थित 55 सदस्यों ने मतदान किया। कुल 57 सदस्यों में से अनुपस्थित दो सदस्य सर्रेया मिश्र की फुलवाशा तथा पिलखांव के मकरध्वज मतदान प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सके। उप जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी आरपी ¨सह व क्षेत्राधिकारी अर¨वद कुमार वर्मा की उपस्थिति में मतपेटिका को सील करा कर एक कक्ष में रखवा कर कक्ष को भी सील करवा दिया। एसडीएम ने बताया कि ब्लाक प्रमुख माधुरी आर्य द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस चुनाव पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जिस पर उच्च न्यायालय ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से रोक तो नहीं लगाई, मगर मतगणना पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई के लिए 5 सितंबर की तिथि निर्धारित की है। सुनवाई के बाद अगले निर्णय के अनुसार ही मतगणना हो सकेगी।
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अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चौकस रहा प्रशासन
ब्लाक प्रमुख माधुरी आर्य के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान को लेकर गुरुवार को प्रशासन पूरी तरह चौकस रहा।दिन में 11 बजे से पहले ही मुख्य विकास अधिकारी अर¨वद कुमार पांडेय विकास खंड मुख्यालय पहुंच गए। वह अंत तक पूरी प्रक्रिया पर नजर रखे रहे। पुलिस कर्मी भी ब्लाक मुख्यालय पर के अंदर और बाहर दोनो जगह मुस्तैद नजर आए।
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पूर्व राज्यमंत्री राम करन की पुत्री है माधुरी
सपा सरकार में ताकतवर रहे पूर्व राज्यमंत्री राम करन आर्य ने ही प्रयास कर पुत्री माधुरी आर्य को पहले क्षेत्र पंचायत सदस्य और फिर ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर बैठाया। समय बदला और हत्या के एक मामले में आर्य को सजा हो गई। आर्य वर्तमान में जिला जेल में बंद हैं। राजनैतिक प्रभाव कम होते ही आर्य के विरोधी सक्रिय हो गए। राम करन की पुत्री माधुरी को प्रमुख पद से हटाने के लिए सदस्यों को लामबंद कर अविश्वास प्रस्ताव ला दिया है।