यूपी के इस जिले में विशेषज्ञता के आधार पर वर्गीकृत होंगे 195 रिक्रूट्स, ले रहे हैं प्रशिक्षण
उत्तर प्रदेश के एक जिले में 195 रिक्रूट्स को उनकी विशेषज्ञता के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा। यह निर्णय साइबर अपराध और वित्तीय घोटालों जैसे जटिल मामलों ...और पढ़ें

प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अप्रैल में होगी तैनाती। जागरण
स्कन्द कुमार शुक्ला, बस्ती। आधुनिक अपराधों की प्रकृति अधिक जटिल होती जा रही है। इसी के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने रिक्रूट्स की कार्यप्रणाली और दक्षता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। पुलिस लाइन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे नए 195 रंगरूटों (रिक्रूट्स) को उनकी विशेष योग्यता, शैक्षणिक पृष्ठभूमि और रुचि के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य पुलिस बल के भीतर विभिन्न कार्यों के लिए विशेषज्ञता को बढ़ावा देना और सही व्यक्ति को सही जिम्मेदारी सौंपना है। यह नीति रिक्रूट्स के कौशल और विभाग की जरूरतों के बीच तालमेल स्थापित करेगी। इस वर्गीकरण से पुलिस की कई महत्वपूर्ण इकाइयां लाभांवित होंगी, जिनमें मुख्य रूप से विशेषज्ञ श्रेणियां बनाई जा सकेंगी यह नई नीति रिक्रूट्स के कौशल और विभाग की जरूरतों के बीच तालमेल स्थापित करेगी। इस वर्गीकरण से कई महत्वपूर्ण इकाइयां लाभान्वित होंगी।
वे रिक्रूट्स के पास इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस या आईटी का ज्ञान है, उन्हें साइबर क्राइम यूनिट और तकनीकी निगरानी (सर्विलांस) दल में तैनात किया जाएगा। वाणिज्य या अर्थशास्त्र की पृष्ठभूमि वाले रंगरूटों को आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्लु) और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामलों की जांच में लगाया जाएगा। कानून की डिग्री या नए कानून की गहरी समझ रखने वाले कर्मियों को अभियोजन और जांच प्रक्रिया में साक्ष्य संग्रह की गुणवत्ता सुधारने के लिए तैनात किया जाएगा।
प्रशासनिक कार्यों, मानव संसाधन (एचआर) प्रबंधन और पुलिस लाइन के सुचारू संचालन के लिए इन कर्मियों का उपयोग किया जाएगा। शारीरिक रूप से मजबूत और बेहतर नेतृत्व क्षमता वाले रिक्रूट्स को सीधे कानून-व्यवस्था (ला एंड आर्डर) और गश्त ड्यूटी के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्रशिक्षण और तैनाती पर प्रभाव
माना जा रहा है कि विशेषज्ञता-आधारित प्रशिक्षण शुरू होने से, संबंधित श्रेणी के रिक्रूट्स को अपने फील्ड की उन्नत जानकारी और कौशल दिए जाएंगे। मसलन साइबर विशेषज्ञता प्राप्त करने वाले रंगरूटों को डिजिटल फोरेंसिक और नेटवर्क सुरक्षा पर विशेष माड्यूल पढ़ाए जाएंगे, जबकि कानूनी विशेषज्ञों को नवीनतम आपराधिक कानूनों पर गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कदम न केवल पुलिस बल की आंतरिक क्षमता को मजबूत करेगा, बल्कि जांच की गति और सजा की दर को बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होगा।
आज के समय में केवल शारीरिक बल पर्याप्त नहीं है। हमें साइबर धोखाधड़ी, वित्तीय घोटाले और डेटा विश्लेषण जैसे जटिल मामलों से निपटने के लिए विशेषज्ञता की आवश्यकता है। यह वर्गीकरण प्रत्येक रिक्रूट की पोटेंशियल (क्षमता) का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेगा और पुलिसिंग की गुणवत्ता में बड़ा सुधार लाएगा। पुलिस लाइन में प्रशिक्षित किए जा रहे सभी रिक्रूट्स की तैनाती जनपद में ही होनी है। इसलिए इनकी विशेषज्ञता पर जोर दिया गया है। ताकि पोस्टिंग उनकी रूचि के मुताबिक किया जाए।
-अभिनन्दन, पुलिस अधीक्षक, बस्ती।

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