ट्रंप की सीक्रेट टीम में बस्ती की बेटी रीता
अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ भारत आने पर गांव मना रहा जश्न
बस्ती : रविवार को भारत दौरे पर आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर विशेष तैयारी चल रही है। उनके साथ आ रही सीक्रेट टीम में भारतीय मूल की अमेरिकी परमाणु ऊर्जा विभाग की प्रमुख रीता बरनवाल भी शामिल हैं। वह उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के बहादुरपुर गांव की रहने वाली हैं। ऐसे में गांव सहित पूरा जिला खुशी मना रहा है।
गांव वाले उनसे मिलने को उत्सुक हैं तो परिवारीजन भी मिलने आगरा जाने वाले थे, लेकिन सुरक्षा कारण व व्यवस्तता के चलते संभव नहीं हो सका। परिवार वालों ने बताया कि रीता ने अगली बार गांव आकर सबसे मिलने का वादा किया है। इस उपलब्धि से पूरा परिवार काफी खुश है। आसपास गांवों के लोग घर पर पहुंचकर बधाई दे रहे हैं।
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एक बार और देखना चाहती हैं रीता की बड़ी मां
उम्र के अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहीं बड़ी मां 80 वर्षीय जानकी बेटी रीता को एक बार और भरी निगाह देखने की हसरत पाले हुए हैं। आगरा जाकर मिलना चाहती थीं, लेकिन बात नहीं बन पाई।
बचपन में सीखती थीं कत्थक नृत्य
चचेरे भाई ईश्वरचंद बरनवाल ने बताया रीता बचपन में पढ़ाई के साथ छोटी बहन सीमा के साथ प्रत्येक रविवार को वायलिन बजाने के अलावा कत्थक नृत्य सीखा करती थीं। अमेरिका से ही एमआइटी से मटैरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिग में बीए और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन से पीएचडी की। अमेरिका निवासी पीटर से चर्च में शादी की फिर हिदू रीति रिवाज से घरवालों की मौजूदगी में धूमधाम से रस्म पूरी हुई। भारत आने पर टिकिया और फुल्की खाना नहीं भूलती थीं।
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जमींदार परिवार की हैं रीता
रीता बहादुरपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पिता कृष्णचंद्र बरनवाल 1962 में खड़गपुर आइआइटी से रबर टेक्नालोजी में इंजीनियरिंग करने के बाद अमेरिका नौकरी करने चले गए। मां आरती बरनवाल शिकोहाबाद की हैं। मात-पिता अब दुनिया में नहीं हैं। बहनों रीता और सीमा का जन्म, शिक्षा और शादी अमेरिका में ही हुई है। पांच भाइयों में पिता कृष्णचंद तीसरे नंबर पर थे। बड़े भाई रामचंद्र बरनाल अविवाहित थे।
पिता ने गांव से ही की थी शादी
बड़ी मां जानकी बताती हैं कि रीता के पापा जब अमेरिका में नौकरी करने जा रहे थे तो सास ने बहुत रोका। कहा अमेरिका में जो जाता है, वहीं पर शादी कर बस जाता है। तब मां को वचन दिए कि शादी गांव से ही करेंगे। इसको पूरा भी किया। 1967 में शादी हुई और गांव से बरात शिकोहाबाद गई। शादी के समय दो दिन ही छुट्टी बची थी। शादी होने के बाद ससुराल से ही अमेरिका चले गए। तीन महीने बाद पत्नी आरती को अमेरिका बुला लिया।