288 सड़क हादसों में छिन गई 185 घरों की खुशियां
सर्दी के मौसम में 15 नवंबर तक हो चुके हैं 71 हादसे 42 की मौत
जागरण संवाददाता, बस्ती: वाहनों की बढ़ती रफ्तार के साथ ही सड़क हादसे भी बढ़ रहे हैं। इस साल 15 नवंबर तक 71 सड़क हादसों में 42 लोगों की मौत हो गई जबकि 37 गंभीर रूप से घायल हो गए। पिछले तीन साल में सड़क हादसों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पाएंगे इसका ग्राफ बढ़ रहा है। तीन साल में कुल 924 वाहन क्षतिग्रस्त हुए। इनमें ट्रक, बस, चारपहिया, तिपहिया वाहनों की संख्या 537 तो दोपहिया वाहनों की संख्या 387 रही।
सड़क दुर्घटना में मारे गए किसी व्यक्ति के आश्रितों को संभलने में वर्षों गुजर जाते हैं। हताहतों के साथ तो दुश्वारियों का पहाड़ टूट पड़ता है। हादसों में गंभीर रूप से घायल खुद को फिर से संभालने में कभी कामयाब हो जाता है तो कभी जीवनभर लाचार बना रहता है। बस्ती शहर के महरीखांवा मोहल्ला के रहने वाले सुहेल अहमद को ही लें। 10 साल पहले वह ट्रेलर की चपेट में आ गए जिससे एक पैर की हड्डी तीन स्थानों पर टूट गई थी। वह मधुमेह से पीड़ित भी थे। ऐसे में उनका आपरेशन और उपचार चुनौतीपूर्ण था। लगातार दो साल तक इलाज चला, इसी बीच उनकी मां का देहांत हो गया, लाचारी ऐसी थी कि वह अपने पैरों पर चल कर मां के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सकते थे। बहरहाल हौसलों की जंग में सुहेल जीत गए और अपने पैरों पर खड़े हो गए। दो वर्षो तक वह और उनके स्वजन काफी परेशान रहे। वहीं आवास विकास कालोनी के राजेश का पैर सड़क हादसे में टूट गया। उन्हें भी मधुमेह था। आपरेशन के बाद भी उनका पैर ठीक नहीं हुआ और हाल ही में उनकी मौत हो गई। सर्दी के मौसम में हुए हादसों का विवरण
वर्ष हादसे मृतक घायल
2017 90 81 62
2018 99 84 65
2019 105 56 52 पिछले तीन साल में हुए सड़क हादसे
वर्ष हादसे मृतक घायल
2017 320 201 204
2018 382 261 249
2019 388 246 240 इस साल 15 नवंबर तक जा चुकी है 185 की जान
टीएसआई कामेश्वर सिंह के अनुसार इस वर्ष अब तक 288 सड़क हादसों में 185 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 175 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। बात सर्दी में होने वाले हादसों की करें तो इस वर्ष अब तक 71 सड़क हादसों में 42 लोग अपनी जान गवां बैठे, जबकि 37 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सड़क हादसों का प्रमुख कारण वाहनों की तेज रफ्तार, हाईवे पर जगह जगह अवैध कट और यातायात नियमों का पालन न करना है। नशे की हालत में गाड़ी चलाना भी हादसों की वजह बन रहा है। यातायात पुलिस नवंबर को यातायात माह के रूप में मना रही है और सुरक्षित यातायात के लिए लोगों को जागरूक भी कर रही है।
रवींद्र कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक सड़क हादसों को रोकने के लिए हाईवे पर पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। जहां भी कमियां मिलती हैं उन्हे दूर करने के लिए एनएचएआइ के साथ खुद विभाग भी पहल करता है। हाल ही में व्यावसायिक वाहनों के चालकों को सुरक्षित यातायात के लिए प्रशिक्षण दिया गया है।
अरुण प्रकाश चौबे, एआरटीओ प्रशासन