उमंग के रंग से सज रहा घर-आंगन
दीपावली घर-घर की है। डगर नगर गांव सब रोशनी से रोशन होते हैं। उमंग के रंग से घर-आंगन सब सजाए जा रहे हैं। नवनिर्मित मकानों में रंगों के नए प्रयोग हो रहे हैं। बाहर की दीवारों पर पहले वाल पुट्टी की सफेदी और फिर उस पर इमलसन पेंट (प्लास्टिक पेंट) भरे जा रहे हैं।
बस्ती : दीपावली घर-घर की है। डगर, नगर, गांव सब रोशनी से रोशन होते हैं। उमंग के रंग से घर-आंगन सब सजाए जा रहे हैं। नवनिर्मित मकानों में रंगों के नए प्रयोग हो रहे हैं। बाहर की दीवारों पर पहले वाल पुट्टी की सफेदी और फिर उस पर इमलसन पेंट (प्लास्टिक पेंट) भरे जा रहे हैं। भीतर कमरों की दीवारों को कुछ अलग ही ढंग से सजाया जा रहा है। चारों दीवारों में अलग-अलग रंग भरे जा रहे हैं। गुलाबी, आसमानी, हल्दी, दूधिया आदि रंगों की डिमांड ज्यादा है। बाजार में पेंट व्यवसाय तेज हो चला है। ग्राहकों की भीड़ सभी पेंट की दुकानों पर है। पेंट करने वाले कारीगरों की भी व्यस्तता बढ़ गई है। नए-पुराने सभी मकान रंगों से निखारे जा रहे हैं। कहीं हजारों में तो कहीं लाखों में खर्च आ रहा है। समोसम और डिस्टेंपर की मांग अब कम हो गई है। गांवों में भी अब प्लास्टिक पेंट उपयोग में लाए जा रहे हैं। पेंट व्यवसायी सुभाष शुक्ल के अनुसार इकोफ्रेंडली और वेदरगार्ड पेंट में खास चमक है। कमरों के लिए यह ज्यादा टिकाऊ है। इसमें महक भी है। यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह भी नहीं है। कमरों के तापमान के ²ष्टि से भी अब पेंट उपलब्ध है। घर के बाहर डेढ़ सौ से 300 तक और अंदर 200 से 600 रुपये प्रति लीटर तक पेंट बेचे जा रहे हैं। पेंटिग के कारीगर सुंदर लाल ने बताया कि एक्सप्रेस पेंटिग में ज्यादा शाइनिग मिल रही है। सेंडिग मशीन और आटोमैटिक रोलर का उपयोग कर घरों को रंगा जा रहा है। इससे दीवारों पर कम-ज्यादा पेंट लगने की गुंजाइश नहीं रहती है।