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आसमान में बैठो बदरा, सावन में कजरी गाएंगे..

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अध्यक्ष मस्तराम वर्मा ने कहा कि कविताएं जन उपयोगी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 09:45 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:03 AM (IST)
आसमान में बैठो बदरा, सावन में कजरी गाएंगे..
आसमान में बैठो बदरा, सावन में कजरी गाएंगे..

बस्ती : सोमवार को अनुरोध कुमार श्रीवास्तव कृत जिंदगी के साज पर काव्य संकलन पर संक्षिप्त परिचर्चा हुई। यह कार्यक्रम शहर के एक होटल में फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए आयोजित हुआ। वरिष्ठ कवि डॉ. रामकृष्ण लाल जगमग ने कहा कि जिंदगी के साज पर रचना संसार मानव मन के कई सन्दर्भो, जीजिविषा की समर्थ पड़ताल करता है।

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कवि डा. अजीत कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि उमड़ घुमड़ नित आवत बदरा, आसमान में बैठो बदरा, सावन में कजरी गायेंगे, सावन तक रुक जाओ बदरा' जैसी कविताएं उनके रचना संसार की विविधता और प्रकृति प्रेम को प्रदर्शित करती है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अध्यक्ष मस्तराम वर्मा ने कहा कि कविताएं जन उपयोगी है।


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