मेले में नहीं आए सचिव, किसानों ने किया हंगामा
सहकारी गन्ना समिति टिनिच में आयोजित प्री-कैलेंडर मेले में जिम्मेदारों के गैरहाजिर होने से गन्ना किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पाया। नाराज किसानों ने हंगामा किया। विभागीय जिम्मेदारों ने गैरहाजिर रहने वालों के खिलाफ लिखापढ़ी की बात कही तब जाकर किसान शांत हुए।
बस्ती: सहकारी गन्ना समिति टिनिच में आयोजित प्री-कैलेंडर मेले में जिम्मेदारों के गैरहाजिर होने से गन्ना किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पाया। नाराज किसानों ने हंगामा किया। विभागीय जिम्मेदारों ने गैरहाजिर रहने वालों के खिलाफ लिखापढ़ी की बात कही तब जाकर किसान शांत हुए।
गन्ना किसानों को सट्टे व कैलेंडर की जानकारी देने व उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए सोमवार को समिति पर मेले का आयोजन हुआ।मेले में सचिव सहित अन्य जिम्मेदार नहीं पहुंचे। गन्ना पर्यवेक्षक रत्नेश वर्मा से जब किसानों ने सचिव के न आने का कारण जानना चाहा, तो वह भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसी बात को लेकर किसान नाराज होकर हंगामा करने लगे। बात बिगड़ती देख पर्यवेक्षक परिसर छोड़ चले गए। किसान अनिल कुमार, रामदीन तिवारी, सालिकराम ने बताया की सुबह दस बजे से वह लोग भटक रहे हैं। न गन्ना कैलेंडर दिखाया गया और न ही हमारी समस्याओं का समाधान हुआ। किसान नेता पंडित ¨सह ने सुवरबरवा क्षेत्र के किसानो के साथ सट्टा निर्धारण में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा की वर्ष 2014 से 2017 तक गो¨वद नगर चीनी मिल को किए गए गन्ना सप्लाई को बेसिक कोटे के साथ न जोड़ने से सट्टा कम बना है। बभनान मिल केवल स्वयं खरीदे गए गन्ने को ही बेसिक से जोड़ रही है। ब्रह्ममदेव ¨सह, कृष्ण चन्द्र ¨सह, दीपमणि पांडेय, राजाराम ने जांच कर सट्टा सही कराने की मांग की। सचिव से लगातार लोगों ने संपर्क का प्रयास किया लेकिन वह नहीं मिले। ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक रमेश ¨सह ने कहा कि सरकार की मंशा मेला आयोजित कर किसानों की समस्याओं का निस्तारण था। सचिव की यह जिम्मेदारी है कि मेले के माध्यम से किसानों की समस्याओं को सुनकर निस्तारण कराए। टिनिच में सचिव के गैरहाजिर रहने की जानकारी मिली है। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को पत्र लिखा जाएगा।