ऐसी सड़क जिस पर बरसात में चलना मुश्किल
बरसात के मौसम में सिकंदपपुर मसकनवा मार्ग पर यात्रा आसान नहीं है। यह सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है। यहां पता ही नहीं चल पाता है कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क है। बीस किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर यात्रा काफी कठिन हो ई है।
बस्ती: बरसात के मौसम में सिकंदपपुर मसकनवा मार्ग पर यात्रा आसान नहीं है। यह सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है। यहां पता ही नहीं चल पाता है कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क है। बीस किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर यात्रा काफी कठिन हो ई है। इसी मार्ग पर चौरी बाजार है जो एक दशक से बदहाल सड़क की पीड़ा झेल रहा है। अब तो हालत यह है कि बाजार के अस्तित्व पर ही संकट खड़ा हो गया है। बरसात के मौसम में सड़क के गड्ढे पानी से लबालब भर जाते हैं। यह सड़क पड़ोसी जिले गोंडा के अलावा सीधे बढनी बार्डर को जोड़ती है। जन प्रतिनिधियों की लापरवाही के चलते यह मार्ग बद से बदतर हो गया है। जनवरी में लोकसभा चुनाव के दौरान इस सड़क की मरम्मत के लिए 2.51 करोड़ की लागत से आधारशिला रखी गई थी। चुनाव बाद सड़क मरम्मत का कार्य ठंडे बस्ते में चला गया। कुशमौर घाट से चौरी बाजार की तरफ महज एक किमी सड़क की मरम्मत कर ढाई माह से पूरी सड़क को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है।सड़क पर आना जाना दुश्वार हो गया है। दूर के ग्राहक व व्यापारी खराब सडक की वजह से बाजार आना नहीं चाहते हैं। अब तो इस सड़क का भगवान ही मालिक है। सड़क बदहाल होने की वजह से व्यापार पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। पहले सोने चांदी के आभूषण खरीदने के लिए यहां दूर-दूर से लोग आते थे। सड़क खराब होने की वजह से बच्चों को स्कूल छोड़ने में दिक्कत होती है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे होने की वजह से लोग उनमें गिरकर घायल होते रहते हैं सामान खरीदने के लिए यदि फैजाबाद व लखनऊ की मंडी यहां के व्यापारी जाते हैं तो उन्हें इस बात कि चिता सताती रहती है ।